BJP Presidential Election Delayed: बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया टलती जा रही है। लेकिन क्या इसकी वजह आतंकवाद के खिलाफ भारत का 'ऑपरेशन सिंदूर' है? आइए जानते हैं।
बीजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष (BJP New President) कौन बनेगा, राजनीतिक गलियारे में यह एक बड़ा सवाल है। जेपी नड्डा (JP Nadda) का कार्यकाल खत्म होने के बाद से ही इस बात की अटकलें लगना शरू हो गई थीं कि पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा? हालांकि अभी तक इसका फैसला नहीं होने के कारण नड्डा ही एक्सटेंशन पर बीजेपी अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं। ऐसे में मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि आखिर इस प्रक्रिया में देरी किस वजह से हो रही है? आइए नज़र डालते हैं।
पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) में 26 लोगों की मौत और 20 लोगों के घायल होने का बदला लेने के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) लॉन्च करते हुए पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया और 100 से ज़्यादा आतंकियों को भी ढेर कर दिया। पाकिस्तान ने भारत से 'ऑपरेशन सिंदूर' का बदला लेने की कोशिश की, जिसे भारत ने नाकाम करते हुए पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल दागते हुए पाकिस्तान को एक और झटका दे दिया। ऐसे में इस बात की भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में देरी की वजह 'ऑपरेशन सिंदूर' है और कुछ हद तक यह सच भी है। हालांकि यह पूरा सच नहीं है।
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'ऑपरेशन सिंदूर' ही बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुने जाने की प्रक्रिया में देरी का कारण नहीं है। दरअसल अभी भी ऐसे नेता के नाम पर सोच-विचार चल रहा है जो आरएसएस (RSS) की अपेक्षाओं पर खरा उतरता हो। कुछ समय पहले यह खबर सामने आई थी कि पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पर बीजेपी और आरएसएस एक नाम पर सहमत नहीं हो रहे हैं। बीजेपी नड्डा जैसा अध्यक्ष चाहती है, जिससे पार्टी को वैसे ही सफलता मिले जैसे नड्डा के नेतृत्व में मिली है। वहीं, आरएसएस चाहता है कि बीजेपी का नया अध्यक्ष ऐसा हो जो संगठन का भरोसेमंद हो और आरएसएस की कार्यप्रणाली और नीति को मानने वाला हो। आरएसएस का मानना है कि बीजेपी का नया अध्यक्ष ऐसा होना चाहिए जो बीजेपी की सफलता में आरएसएस के योगदान को स्वीकार करने के साथ ही युवा भी हो और देशभर में यात्रा करके पार्टी और आरएसएस की विचारधारा को आगे ले जा सके।
30 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने नागपुर में आरएसएस चीफ मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद लगा था कि बीजेपी को जल्द ही नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा, पर अब तक ऐसा नहीं हुआ है। 29 अप्रैल को भागवत ने पीएम मोदी के आवास पर भी उनसे मुलाकात की थी। ऐसे में लगता है कि दोनों की मुलाकात का कुछ खास असर नहीं हुआ। बीजेपी हाईकमान नए पार्टी अध्यक्ष के लिए मोदी-शाह के विश्वासपात्र नेता को यह ज़िम्मेदारी देना चाहती है, तो वहीं आरएसएस चाहता है कि बीजेपी का नया अध्यक्ष संघ की विचारधारा को मानने वाला हो और बीजेपी को आगे बढ़ाने के साथ ही संघ की विचारधारा को भी आगे बढ़ाए।