केरल में मंगलवार को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। जिसपर भाजपा ने तीखा हमला बोला। रविशंकर प्रसाद ने कहा, "यह आश्चर्य की बात है कि जिस सरकार ने संविधान की शपथ ली है, वह गैर संवैधानिक बात कर रही है।
नई दिल्ली। नागरिकता कानून ( Citizenship Amendment Act) के विरोध में केरल विधानसभा द्वारा प्रस्ताव पारित किए जाने का केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Union Minister Ravi Shankar Prasad ) ने कड़ा विरोध जताया है। प्रसाद ने अनुच्छेद 245/46 और 256 का हवाला देते हुए बुधवार को कहा कि केरल विधानसभा का प्रस्ताव गलत है और संविधान की भावनाओं के खिलाफ है। नई दिल्ली में रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से बातचीत में कहा, "यह आश्चर्य की बात है कि जिस सरकार ने संविधान की शपथ ली है, वह गैर संवैधानिक बात कर रही है कि नागरिकता कानून राज्य में नहीं लागू होने देंगे।"
प्रसाद ने कहा, "यह कानून संसद द्वारा पारित है। नागरिकता देना या लेना संविधान की सातवीं अनुसूची का विषय है, जिसपर संसद को ही कानून बनाने का अधिकार है। संसद पूरे भारत या भारत के लिए किसी क्षेत्र विशेष के लिए कानून बना सकती है। संसद नागरिकता संबंधी किसी विषय पर कानून बना सकती है।" कानून मंत्री ने कहा, "संविधान का अनुच्छेद 256 कहता है कि राज्य की शासकीय शक्ति इस तरह उपयोग में लाई जाएगी कि संसद द्वारा पारित कानून को लागू किया जा सके।"
कानून मंत्री ने यह भी कहा कि "केंद्र के कानून को लागू करना राज्य सरकारों का संवैधानिक दायित्व है। जो राज्य सरकारें इस तरह के प्रस्ताव पारित कर रही हैं, या पारित करने की बात कर रही हैं कि वे संसद द्वारा पारित सीएए को लागू नहीं करेंगी, वे राज्य सरकारें उचित कानूनी राय लें।"