प्रतापगढ़

Good News: जमीन के हर लेनदेन का अलर्ट अब मोबाइल पर; 80 लाख किसानों की जमाबंदी आधार से जुड़ेगी

राजस्थान के किसानों को जमीन के हर लेनदेन का अलर्ट अब मोबाइल पर ही मिल जाएगा। जिससे जमीनों को लेकर संभावित फर्जीवाड़े की सख्ती से रोकथाम हो सकेगी।

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राजस्व मंडल अजमेर, पत्रिका फाइल फोटो

Pratapgarh first in Farmer Registry: राजस्थान सरकार प्रदेश के 80 लाख किसानों की जमाबंदी को आधार से जोड़ने की कवायद को लेकर पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर रही है। राजस्थान के किसानों को जमीन के हर लेनदेन का अलर्ट अब मोबाइल पर ही मिल जाएगा। जिससे जमीनों को लेकर संभावित फर्जीवाड़े की सख्ती से रोकथाम हो सकेगी। पायलट प्रोजेक्ट के लिए अजमेर जिले की अरांई तहसील के अर्जुनपुरा गांव तथा नागौर जिले के एक गांव को चुना गया है। यहां यह प्रोजेक्ट सफल होने पर इसे पहले संभाग और फिर पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा। राजस्व मंडल की बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया है।

फार्मर रजिस्ट्री के आधार पर अपडेट होगा

राजस्व मंडल से मिली जानकारी के अनुसार आधार सीडिंग मॉड्यूल तथा फॉर्मर रजिस्ट्री आईडी के डाटा का डीसीएस गिरदावरी से इंटीग्रेशन कराए जाने के लिए प्रूफ ऑफ कांसेप्ट (पीओसी) कराई जानी है। इसके लिए एनआईसी के राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी को मॉड्यूल का प्रजेंटेशन देने के निर्देश जारी हुए हैं। जमाबंदी के आधार से जुड़ने से उनकी जमीन से संबंधित खरीद-बेचान होने सहित अन्य मामलों में मोबाइल पर मैसेज आएगा। जिससे जमीनों के फर्जीवाड़े पर प्रभावी रोक लग सकेगी। फार्मर रजिस्ट्री के बाद जमाबंदी के खातेदार है उनका फार्मर रजिस्ट्री के आधार पर आधार नंबर अपडेट होगा।

80 लाख किसानों की हुई फार्मर रजिस्ट्री

राजस्थान में 80 लाख किसानों की फार्मर रजिस्ट्री हो चुकी है। इन्हें यूनिक आईडी दी जा चुकी है। फार्मर रजिस्ट्री करने में प्रतापगढ़ जिला पहले नंबर पर है। जबकि बीकानेर, टोंक, कोटा तथा करौली में अभी काम तेजी से हो रहा है। सलूंबर, खैरथल तिजारा, अलवर, झालावाड़ तथा उदयपुर जिलों में काम की चाल फिलहाल धीमी गति से है। फार्मर रजिस्ट्री का यह फायदा है कि सरकार किसानों को फायदा इसी आधार पर दे रही है। राजस्थान में 90 लाख 19695 किसान पीएम किसान योजना के लाभार्थी हैं। 88.69 प्रतिशत का इनरोलमेंट हो चुका है। केन्द्र सरकार इसके जरिए ही योजनाओं का लाभ किसानों को दे रही है। पीएम किसान योजना के तहत लघु और सीमांत किसान पात्र माने जाते हैं।

पायलट प्रोजेक्ट दो जिलों में शुरू

राजस्व मंडल से मिली जानकारी के अनुसार पायलट प्रोजेक्ट में अजमेर जिले की अरांई तहसील के अर्जुनपुरा गांव तथा नागौर जिले के एक गांव का चयन किया गया है। यहां यह प्रोजेक्ट परीक्षण में सफल होने पर इसे पहले संभाग और फिर पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा।

Published on:
01 Dec 2025 01:54 pm
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