प्रयागराज में दस भूमाफियाओं के खिलाफ शत्रु संपत्ति बेचने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने मउआइमा कस्बे की करोड़ों की जमीन के दस्तावेज में हेरफेर कर बेच दिया।
Prayagraj News: यूपी के प्रयागराज जिले में भूमाफियाओं का कारनामा लगातार जारी है। ऐसे ही एक शत्रु संपत्ति बेंचने के मामले में डीएम प्रयागराज के निर्देश पर दस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
प्रयागराज के मउआइमा में भूमाफियाओं ने करोड़ों की शत्रु संपत्ति की जमीन के दस्तावेज में हेरफेर करते हुए उसे बेंच दिया। जब मामले का पता चला तो राजस्व विभाग में हडक़ंप मच गया। इसकी सूचना जिलाधिकारी को दी गई। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने तत्काल आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया। हांलाकि डीएम के आदेश के बाद भी पुलिस मुकदमा नहीं लिख रही थी। जिसके बाद डीएम ने सीधे पुलिस से वार्ता कर एफआईआर दर्ज कराया।
ऐसी थी जमीन, जिसे माफियाओं ने बेंचा
मउआइमा के वकार अहमद, खलील अहमद और गुलाम रब्बानी की जमीन कस्बे में थी। देश बंटवारे के दौरान खलील और गुलाम पाकिस्तान चले गए। वकार यहीं रह गए थे। तीनों लोगों का अब निधन हो चुका है। वहीं पाकिस्तान गए दोनों लोगों की जमीन, जिसे शत्रु संपत्ति कहा जाएगा उसे स्थानीय भू माफियाओं ने करोड़ों में बेंच दिया।
ऐसे पकड़ में आया मामला
पिछले कुछ महीने से नई खतौनी बनाने का काम चल रहा है। जिसके कारण पाकिस्तान गए खलील और गुलाम की संपत्ति का विवरण नहीं मिल पा रहा था। काफी जांच पड़ताल के बाद पता चला कि १९८४ में ही मउआइमा कस्बे की खतौनी गायब कर दी गई थी। भूमाफियाओं ने तहसील के साथ जिले के रिकार्ड से भी खतौनी गायब करा दी थी। खतौनी गायब होने के बाद लोगों ने पाकिस्तान गए लोगों की जमीनों को बेंच दिया।
इनपर की गई कार्रवाई
शत्रु संपत्ति बेंचने के अलावा माफियाओं ने तालाब और सरकारी जमीनों को भी बेंचा था। इस मामले में रईस अहमद, सईद अहमद, अतीक महमूद, तारिक महमूद, आमिर महमूद पुत्रगण अब्दुल माबूद, गुलाम हुसैन पुत्र समीउल्ला निवासी मउआइमा पर गंभीर धाराओं में कुमदमा दर्ज किया गया है।