प्रयागराज

एक डिग्री की ठंड में भी गूंजे छठी मैया के गीत, South Korea में दिखा श्रद्धा और आस्था का अनोखा नजारा

छठ महापर्व जो बिहार और पूर्वांचल का प्रमुख त्योहार है, अब विदेशों में भी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। दक्षिण कोरिया में जबरदस्त ठंड के बीच वहां रहने वाले भारतीयों ने परंपरा को निभाते हुए छठ पूजा का आयोजन किया।

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Chhath Puja 2025

छठ महापर्व जो बिहार और पूर्वांचल का प्रमुख त्योहार है, अब विदेशों में भी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। दक्षिण कोरिया में जबरदस्त ठंड के बीच वहां रहने वाले भारतीयों ने परंपरा को निभाते हुए छठ पूजा का आयोजन किया।राजधानी सियोल में हान नदी के किनारे भारतीय दूतावास के उप मिशन प्रमुख निशिकांत सिंह की पत्नी शालिनी सिंह ने छठ व्रत रखा और पूरे विधि-विधान से पूजा की। एक डिग्री तापमान में भी उन्होंने श्रद्धा के साथ सूर्य देव और छठी मैया की आराधना की।

छठ महापर्व को पूरी श्रद्धा और परंपरा के साथ मनाया

यह पर्व यह दर्शाता है कि चाहे देश कोई भी हो या मौसम कितना भी कठिन, भारतीय अपनी संस्कृति और परंपराओं को दिल से निभाते हैं। शालिनी सिंह ने सियोल में छठ महापर्व को पूरी श्रद्धा और परंपरा के साथ मनाया। उन्होंने हान नदी के किनारे सूर्य को अर्घ्य देने के लिए विशेष तैयारी की और परिवार के साथ मिलकर पूजा-अर्चना की। शालिनी ने कहा कि यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह एकता, प्रेम और भाईचारे का संदेश भी देता है।

नदी या तालाब के किनारे जाकर सूर्य देव को देते हैं अर्घ्य

छठ पूजा के दौरान श्रद्धालु उपवास रखते हैं और सूर्यास्त के समय नदी या तालाब के किनारे जाकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। इस पर्व में पारंपरिक व्यंजनों जैसे ठेकुआ और कद्दू की सब्जी का विशेष महत्व होता है। शालिनी ने बताया कि यह त्योहार हमें प्रकृति के प्रति आभार जताने और उसकी शक्ति को सम्मान देने की प्रेरणा देता है।

सियोल में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों ने भी इस पर्व में भाग लिया। वाराणसी के वीरेन्द्र कुमार राय, जो सियोल की एक प्रतिष्ठित कंपनी में कार्यरत हैं, ने कहा कि विदेश में रहकर भी अपनी मिट्टी और संस्कृति से जुड़े रहना गर्व की बात है। इस तरह सियोल में मनाए गए छठ महापर्व ने भारतीय परंपराओं और संस्कृति को जीवित रखने का एक सुंदर उदाहरण पेश किया है। इस आयोजन ने यह दिखाया कि चाहे दूरी कितनी भी हो, भारत की संस्कृति हर दिल में बसती है।

Published on:
27 Oct 2025 07:54 pm
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