Maha Kumbh 2025: महाकुंभ के पहले कुंभ नगरी प्रयागराज के घाट अपने भव्य स्वरूप में नजर आएंगे। योगी सरकार बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी की तर्ज पर कुंभ नगरी प्रयागराज के घाटों का पुनरुद्धार करा रही है। इसके तहत गंगा और यमुना नदी के सात घाटों को नया और भव्य स्वरूप दिया जा रहा है।
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ-2025 के लिए पुनरुद्धार का कार्य समापन की तरफ है। इन कार्यों से घाटों पर पर्यटकों की सहूलियत व्यवस्था और सौंदर्यीकरण पर फोकस किया गया है ताकि वह यहां पर अपना समय व्यतीत कर सकें।
महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र गंगा और यमुना के घाट होते हैं। इन घाटाें पर गंगा और यमुना की पावन धारा में श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं। ऐसे में योगी सरकार इन घाटों का कायाकल्प कर रही है। जल निगम के कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन डिवीजन की तरफ से गंगा और यमुना नदी के इन सात घाटों को नया स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। प्रोजेक्ट मैनेजर रोहित कुमार राणा ने बताया कि 11.01 करोड़ की लागत से घाटों का कायाकल्प किया जा रहा है। प्रोजेक्ट का कार्य समापन पर है।
गंगा और यमुना नदी के जिन 7 घाटों का कायाकल्प किया जा रहा है, उनमें बलुआ घाट, कालीघाट, रसूलाबाद घाट, छतनाग घाट झूंसी, नागेश्वर घाट झूंसी, मौज गिरी घाट और पुराना अरैल घाट शामिल हैं। इन घाटों में मौजगिरी घाट का 90 फीसदी, नागेश्वर घाट का 85 फीसदी, छतनाग घाट का 90 फीसदी, रसूलाबाद घाट का 80 फीसदी, बलुआ घाट का 80 फीसदी, पुराना अरैल घाट का 93 फीसदी और कालीघाट का 85 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। 30 नवंबर के पहले सभी घाटों का सौंदर्यीकरण और सुविधा विस्तार का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
कुंभ मेला प्रशासन की प्राथमिकता महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को उच्च दर्जे की सुविधा प्रदान करना है। ऐसे में घाटों का आधुनिकीकरण और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। वहीं इन घाटों को सुदंर और स्वच्छ बनाने के लिए हरित पट्टी को भी विकसित किया जा रहा है। इन घाटों पर छतरी, हाईमास्ट, पेयजल आदि की व्यवस्था की जा रही है। वहीं स्वच्छ पानी के लिए आरओ को लगाया गया है, जबकि सचल टॉयलेट और चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था की गई है। इसी तरह बैठने के लिए बेंच की भी व्यवस्था की जा रही है।