प्रयागराज

Maha Kumbh 2025: पंचनाम जूना अखाड़ा ने किया छावनी प्रवेश, हो गई महाकुंभ 2025 की औपचारिक शुरुआत

Maha Kumbh 2025: संगम नगरी यानी प्रयागराज में पंचनाम जूना अखाड़ा का छावनी प्रवेश शनिवार हो गया है। इसके साथ ही कुंभ की औपचारिक शुरुआत भी हो गई है।

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प्रयागराज के मौजगिरि आश्रम से दिन के लगभग 1 बजे के छावनी प्रवेश की शोभा यात्रा निकाली गई। रमता पंच, देवताओं के अलावा ध्वजा-पताका लेकर संतों का हुजूम संगम की ओर निकला। 

फूल मालाओं से सजे रथ पर निकले महंत

जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के अलावा जूना अखाड़े के महंत संरक्षक महंत हरि गिरी साथ ही जूना अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरि के अलावा पीठाधीश्वरों, महामंडलेश्वरों के फूल मालाओं से सजे रथ सड़कों पर निकले। रास्ते भर जगह-जगह कतारबद्ध श्रद्धालु संतों की झलक पाने के लिए सड़क के दोनों ओर खड़े थे।

महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी ने क्या कहा

जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी ने इस अवसर पर बताया, "यह सनातन धर्म सिद्धि का पर्व है। भारत की सनातन संवेदनाएं विश्व में विख्यात हैं। कई करोड़ लोग कुंभ में आ रहे हैं। आज इसका पहला दिन है क्योंकि छावनी प्रवेश को कुंभ का पहला दिन कहा जाता है। हम छावनी में प्रवेश कर रहे हैं। आज सभी संत-महात्मा गिरी कंदराओं से निकलकर आए हैं। लाखों संत और नागा प्रवेश कर रहे हैं। आज से हमारे पूजन और अनुष्ठान के कर्म शुरू हो जाएंगे।"

कड़ी सुरक्षा के बीच निकले नागा साधु

इस दौरान जूना अखाड़े में नागा साधुओं समेत पूरे देश में इस अखाड़े के साधु संतों ने हिस्सा लिया। बैंड बाजा घोड़े से नागा साधु अपने आश्रम से निकलकर संगम तट पर बने आश्रम की ओर आए। इस दौरान सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम देखने को मिले।

जूना अखाड़ा के प्रवक्ता महंत नारायण गिरी ने कहा, "अखाड़े में आज से हम लोगों के भगवान, देवता, नागा साधु और चरण पादुका वगैरह को कुंभ मेले में स्थापित करना है। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां आए थे। आज के प्रवेश में 65 मंडलेश्वर हैं, इसमें आचार्य महामंडलेश्वर भी हैं, पूरे देश-विदेश से आए हुए 7-8 हजार महात्मा भी हैं। 100 बग्गियां हैं, सभी महात्माओं और संतों को लेकर जाएंगे। आगे हमारे देवता चलेंगे और चरण पादुका चलेगी। इनकी स्थापना के बाद बाद वहां पर सांधु-संत स्थायी तौर पर निवास करने लगेंगे।"

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