कोर्ट ने इन सभी संस्थानों से कहा है कि वे महाकुंभ के दौरान उनके यहां इलाज के लिए आए मरीजों, लाए गए शवों और सुपुर्द किए गए शवों का पूरा ब्योरा दें।
अमृत स्नान के दौरान एक महिला की मौत के मामले में महिला के पति, जो बिहार के रहने वाले हैं, ने मुआवजे की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रयागराज के सीएमओ, मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल, टीबी सप्रू अस्पताल, कॉल्विन अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन और नर्सिंग होम एसोसिएशन को इस मामले में पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने इन सभी संस्थानों से कहा है कि वे महाकुंभ के दौरान उनके यहां इलाज के लिए आए मरीजों, लाए गए शवों और सुपुर्द किए गए शवों का पूरा ब्योरा दें। साथ ही, किसी व्यक्ति को मृत घोषित किए जाने की तारीख, समय, उसकी पहचान और इलाज करने वाले डॉक्टरों की जानकारी भी कोर्ट में पेश करें।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन से पूछा है कि मौनी अमावस्या हादसे में अब तक कितने लोगों ने मुआवजे की मांग की है, और उनमें से कितनों को मुआवजा मिला है और कितनों को नहीं। कोर्ट ने प्रशासन को याचिकाकर्ता की मांग पर नियमों के अनुसार विचार करने को कहा है। अब मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
बिहार के कैमूर जिले के उदय प्रताप सिंह की पत्नी अपने बेटे के साथ प्रयागराज महाकुंभ में आई थीं। 29 जनवरी 2025 को वह मेले से लापता हो गईं। 5 फरवरी को उनका शव मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के शवगृह में मिला, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी गई। बाद में परिवार ने बिहार में पोस्टमार्टम कराया, जिसमें मौत का कारण दबाव से पसलियों का टूटना बताया गया। इसी आधार पर उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है।