Prayagraj flood: प्रयागराज के नए डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने जिले का चार्ज संभालते ही सबसे पहले बाढ़ की चपेट में चल रहे इलाकों का निरीक्षण किया। इस दौरान वह गंगा और यमुना तटीय इलाकों में पहुंचे और नाव पर सवार होकर बाढ़ प्रभावित इलाकों को देखते हुए लोगों से भी मुलाकात की। इस दौरान डीएम के साथ मौजूद अन्य अधिकारियों के हाथ पांव फूल रहे थे।
Prayagraj flood: प्रयागराज के नए जिला अधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने गंगा जमुना किनारे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान नाव से गहरे पानी में जाकर उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और लोगों से भी मुलाकात की। जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में निरंतर भ्रमणशील रहकर स्थिति का जायजा लेते रहने एवं सभी आवश्यक व्यवस्थायें निरंतर सुनिश्चित बनाये रखने के निर्देश दिए।
नाव से इन इलाकों में पहुंचे डीएम(Prayagraj flood)
जिलाधिकारी श्री रविन्द्र कुमार माँदड़ ने सोमवार को बक्शी बांध पहुंचकर वहां से नाव के द्वारा छोटा एवं बड़ा बघाड़ा सहित अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगो से बातचीत की तथा उन लोगो को प्रशासन के द्वारा बनाये गये बाढ़ राहत शिविर में जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत शिविर में सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की गयी हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि जो लोग अभी भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में रह रहे है, उनके लिए खाने का पैकेट सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थायें तत्काल सुनिश्चित करा ली जाए। उन्होंनेे कहा कि 7 बाढ़ राहत शिविर बनाये गये है, जहां पर बाढ़ से प्रभावित लोगो के लिए खाना, नाश्ता, पानी, प्रकाश, दवाएं सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की गयी है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन के अधिकारी एवं एनडीआरफ की टीम निरंतर बाढ़ क्षेत्रों का भ्रमण कर बाढ़ से प्रभावित लोगो की मदद कर रहे हैं।
निगरानी में लगाई गई जल पुलिस
Prayagraj flood: डीएम ने कहा कि जल पुलिस तथा सामान्य पुलिस भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर भ्रमणशील रहकर निगरानी रख रही है। जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में निरंतर भ्रमणशील रहकर स्थिति का जायजा लेते रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही साथ उन्होंने नाव, दवाईयां, राशन सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थायें निरंतर सुनिश्चित बनाये रखने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए भी चारा इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित बनाये रखने के निर्देश दिए हैं ।