प्रयागराज

‘ये समाज को तोड़ने का करते हैं काम’, राणा सांगा विवाद में कूद पड़े राकेश टिकैत

समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के राणा सांगा पर विवादित बयान देने का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। किसान नेता राकेश टिकैत ने इस मुद्दे को तूल नहीं देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के विवाद समाज को तोड़ने का काम करते हैं।

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किसान नेता राकेश टिकैत ने राणा सांगा पर हो रहे विवाद पर कहा, "पहले ये धार्मिक विवाद थे, मगर अब इसे जातियों में बदला जा रहा है। देश में बहुत तेजी के साथ जाति विवाद पैदा हो रहे हैं। मुझे लगता है कि इस तरह के विवाद गलत हैं, क्योंकि ये समाज को तोड़ने का काम करते हैं। सरकार के एजेंडे में है कि लोग लड़ाई लड़े और जिस देश का राजा ये चाहता हो कि देश की जनता आपस में लड़े और मैं उन पर राज करूं। मुझे लगता है कि वो खतरनाक राजा होता है।"

ट्रिपल मर्डर केस पर क्या बोले राकेश टिकैत?

फतेहपुर ट्रिपल मर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, "तीन हत्याएं हुई हैं और सबको इस बारे में पता है। इस मामले में परिवार के सदस्य गवाह हैं और उन्हें सुरक्षा की जरूरत है। मैं मांग करूंगा कि उन्हें सुरक्षा दी जानी चाहिए और सरकार को उनके लिए उचित मुआवजा तय करना चाहिए। मुझे लगता है कि हत्याओं को रोकने के लिए एक कमेटी बनानी चाहिए।"

बिहार और उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव पर उन्होंने कहा, "मैं यही कहूंगा कि विपक्ष को अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए आंदोलन करने चाहिए। देश में अगर विपक्ष कमजोर होगा तो सरकार तानाशाह का रूप धारण करती है। हमारा अभी आंदोलन पर फोकस है और गांव, गरीब और आदिवासियों पर ध्यान दिया जा रहा है। फिलहाल चुनाव से हमारा किसी भी तरीके का संबंध नहीं है।" रामजीलाल सुमन ने मौजूदा संसद सत्र के दौरान राणा सांगा को लेकर एक विवादित बयान दिया था, जिस पर भाजपा सांसदों ने नाराजगी जताई थी। वहीं, करणी सेना ने सपा सांसद से माफी की मांग की है।

रामजीलाल सुमन को सुरक्षा मिलनी चाहिए

धर्मेंद्र यादव ने कहा था कि रामजीलाल सुमन को सुरक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, “कुछ असामाजिक लोगों ने चुनौती देकर उनके घर पर हमला बोला है। दुर्भाग्य की बात है कि जिस वक्त हमला हुआ, उस वक्त खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगरा में मौजूद थे। उनकी मौजूदगी में और चुनौती देकर हमला हुआ। यह कोई आकस्मिक हमला नहीं, बल्कि पूर्व नियोजित था। इसके बाद हमलावरों को पूरी तरह से छोड़ दिया गया और उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दलित, मुसलमान और पिछड़ों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की नीयत क्या है।"

सोर्स: IANS

Updated on:
14 Apr 2025 05:34 am
Published on:
13 Apr 2025 02:58 pm
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