बनारस समेत पूर्वांचल के दस जिलों में बुधवार की रात से लेकर सुबह नौ बजे तक 5 से 7 मिमी तक बारिश हुई। इस बारिश से तापमान सामान्य से करीब 3 डिग्री ज्यादा यानी 20.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
बनारस समेत पूर्वांचल के दस जिलों में बुधवार की रात से लेकर सुबह नौ बजे तक 5 से 7 मिमी तक बारिश हुई। इस बारिश से तापमान सामान्य से करीब 3 डिग्री ज्यादा यानी 20.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश के साथ 16 से 24 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा ने धान की पकी फसल को नुकसान पहुंचाया। खेतों में मड़ाई के लिए काटकर रखी गई फसल भी भीग गई, जिससे किसानों का काम रुक गया।
बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव के अनुसार, चक्रवात मोंथा अब छत्तीसगढ़ पहुंचकर कमजोर पड़ गया है। इसके असर से अब केवल बादल और हल्की फुहारें रह गई हैं। उन्होंने बताया कि भारी बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन कहीं-कहीं हल्की या छिटपुट बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार से आसमान साफ होने की संभावना है, जिससे मौसम में सुधार होगा। लेकिन हाल की बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है, खासकर उनके लिए जिनकी धान की फसल कटाई के लिए तैयार थी। फसल के नुकसान से किसानों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा और खाद्य सुरक्षा पर भी प्रभाव हो सकता है।
किसान संगठनों ने सरकार से मांग की है कि प्रभावित किसानों की मदद के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। इस अनियमित मौसम ने फिर साबित किया है कि कृषि क्षेत्र को बेहतर योजना और सहायता की जरूरत है। अचानक बदले मौसम ने पूर्वांचल के किसानों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं, जिनका समाधान जल्द किया जाना जरूरी है।