रायबरेली

Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में क्यों करते हैं गंगा स्नान? कैसे मिलती है पितरों को मुक्ति?

Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष करीब 15 दिनों तक चलता है। ऐसे में गंगा में स्नान करने से और कौए को खाना खिलाने से पितर प्रसन्न होते हैं। 

2 min read

Pitru Paksha 2024: उत्तर प्रदेश के रायबरेली के गंगा घाटों पर आज यानी बुधवार को भारी संख्या में लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई और गंगा जल से अपने पितरों का तर्पण किया। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में गंगा स्नान करने से साधक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। रायबरेली के गंगा घाटों पर लोगों की भारी संख्या को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम किए गए हैं।

आपको बता दें कि पितरों के लिए 15 दिनों तक चलने वाला पितृपक्ष बेहद खास होता है। हिन्दू धर्म के अनुसार, इन दिनों में पितरों की कृपा पाने के लिए लोग पितरों का तर्पण करते हैं, जिससे उन्हें अपने पितरों की कृपा मिलती है, परिवार में खुशहाली बनी रहती है और बुरी नजरों से परिवार की रक्षा पितर करते हैं।

कौओं को खिलाने से पितरों को मिलती है मुक्ति और शांति 

वाराणसी के पंडित सनत कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म का भोजन कौओं को खिलाने से पितरों को मुक्ति और शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इससे पूर्वज प्रसन्न होते हैं और अपने वंशज को आशीर्वाद देते हैं। इसलिए पितृपक्ष के दौरान एक तरफ जहां ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है, वहीं कौओं को भी भोजन कराने का बहुत महत्व होता है। कहा जाता है कि इस दौरान हमारे पूर्वज कौओं के रूप में हमारे पास आ सकते हैं।

कौओं को प्राप्त है यमराज का आशीर्वाद 

मान्यता है कि पितरों को मुक्ति और संतुष्टि न मिलने के चलते उनके वंशज की कुंडली में पितृ दोष होता है। ऐसे में पितृपक्ष का महत्व काफी बढ़ जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, कौओं को यमराज का आशीर्वाद प्राप्त है। यमराज ने कौवे को आशीर्वाद दिया था कि उन्हें दिया गया भोजन पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करेगा।

Also Read
View All

अगली खबर