CG News: रायगढ़ जिले में मीना बाजार देखने के लिए इन दिनों लोग शार्ट-कर्ट के चक्कर में जान जोखीम में डालकर रेलवे लाइन पार कर रहे हैं।
CG News: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में मीना बाजार देखने के लिए इन दिनों लोग शार्ट-कर्ट के चक्कर में जान जोखीम में डालकर रेलवे लाइन पार कर रहे हैं। रेलवे ट्रैक के उस पार तीन-तीन मीना बाजार का संचालन हो रहा है। जिसे देखने के लिए इन दिनों लोग रेलवे लाइन पार कर आवागमन कर रहे हैं। ऐसे में अगर अचानक कोई ट्रेन आ जाती है तो दर्जनों लोगों की जान जा सकती है, लेकिन इसके बाद भी यहां सुरक्षा व्यवस्था की कोई इंतेजाम नहीं है।
विगत 14 अगस्त से रायगढ़ में जन्माष्टमी मेले का आयोजन चल रहा है, जिसमें हर दिन आसपास के जिले सहित पड़ोसी राज्य से हजारों लोग पहुंच कर स्वचलित झांकियों के दर्शन के बाद रेलवे लाइन के उस पर लगी मीना बाजार का आनंद उठा रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ी बात है कि वहां जाने के लिए लोग शार्टकट रास्ते को अपनाते हुए गंधरी पुलिया (आवागमन के लिए प्रतिबंधित) से जा रहे हैं, लेकिन उसमें हर समय जाम की स्थिति बनी रहने के कारण लोग दिन भर रेलवे ट्रैक को पार कर इधर से उधर आना-जाना कर रहे हैं।
वहीं हावड़ा-मुंबई मुख्य मार्ग होने के कारण यहां से रोजाना 100 से अधिक ट्रेने गुजरती है। साथ ही मीना बाजार और मेला दोनों पटरी के आर-पार होने के कारण श्रद्धालू दर्शन करने के बाद मीना बाजार की ओर रूख कर रहे है। जिससे इनको रेलवे ट्रैक पार करके ही जाना पड़ रहा है। ऐसे में यहां अगर कोई अचानक सुपर फास्ट ट्रेन आ जाती है तो बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन रेलवे लाइन के पास सुरक्षा का कोई उपाय नहीं किया गया है।
विगत चार दिनों से चल रहे जन्माष्टमी मेला के चलते शहर की लगभग सभी सड़कों में जाम की स्थिति बनी हुई है, जिसके चलते अब बाइक चालक भी शार्ट-कट के चक्कर गंधरी पुलिया (आवागमन के लिए प्रंतिबंधित) मार्ग का ही उपयोग कर रहे हैं, हालांकि यहां साफ लिखा है कि यह पुल आवागमन के लिए नहीं है, लेकिन इसके बाद भी इसका उपयोग हो रहा है। साथ ही इसमें जाम होने के कारण पैदल चलने वाले लोग पटरी को पार कर मीना बाजार तक पहुंच रहे है।
जन्माष्टमी मेला को लेकर इन दिनों लगातार लोगों का आना-जाना लगा हुआ है। जिसके चलते यात्री ट्रेन से उतरने के बाद सड़क मार्ग से न जाकर रेलवे ट्रैक को ही पार करके जा रहे हैं। इसके अलावा इन दिनों स्थानीय लोग भी इसी को मुय मार्ग बना दिए हैं, जिससे दोपहर से लेकर देर रात तक पटरी पार करते आसानी से देखा जा सकता है।
शहर में इतना भीड़ होने के बाद भी रेलवे ट्रैक पर न तो आरपीएफ जवान की तैनाती नजर आती है और न ही जीआरपी की, जिसके चलते लोग अपनी जान जोखिम में डालकर लाइन पार कर रहे हैं। साथ ही कई बार तो ऐसा देखने को मिलता है कि रेलवे लाइन से होकर स्टेशन तक पहुंच रहे हैं, जिससे हमेशा हादसे का भय सताते रहता है।