Indian Railway News: रायपुर स्टेशन के पास उरकुरा सेक्शन में मंगलवार रात ओएचई लाइन ब्रेकडाउन होने से हावड़ा–मुंबई रेल लाइन पर लगभग डेढ़ घंटे तक ट्रेनों का आवागमन बाधित रहा।
Indian Railway News: रायपुर स्टेशन के पास मंगलवार रात लगभग 8.30 बजे उरकुरा सेक्शन में (ओवरहेड इलेक्ट्रिक) ओएचई लाइन ब्रेकडाउन हो गई। इस कारण लगभग एक दर्जन ट्रेनों के पहिए थम गए। रेलवे की तकनीकी टीम काफी मशक्कत के बाद लगभग डेढ़ घंटे बाद गड़बड़ी सुधार पाई। इस दौरान बीच रास्ते में यात्री फंसे रहे।
इन गाड़ियो को रायपुर स्टेशन, तिल्दा समेत बिलासपुर स्टेशन में रोका गया। रेलवे के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग पर उरकुरा क्षेत्र में ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन में ब्रेकडाउन हुआ। इसके कारण भगत की कोठी, लिंक एक्सप्रेस, नौतनवा जैसी लंबे रूट की ट्रेनें और कुछ लोकल ट्रेनों को रोक दिया गया था। वहीं, अन्य ट्रेनों को दूसरे स्टेशनों के पास रोका गया।
ओएचई ब्रेक होने के पीछे बारिश, सर्दी, गर्मी मुख्य वजह होती है। इससे तारें ढीली हो जाती हैं या फिर सर्दी के मौसम में कड़ी होकर टूटती हैं। पेटोग्रॉफ से रगड़ खाने के कारण भी तारें जल्दी खराब होती हैं। जब ट्रेन रफ्तार से चलती हैं तो इन तारों में घर्षण के कारण चिंगारियां भी निकलती हैं। समय पर यह तारें नहीं बदलने से ओएचई ब्रेकडाउन होता है। पेंटोग्राफ इन तारों से बिजली लेकर इंजन को सप्लाई करता है और ट्रेनें पटरियों पर दौड़ती हैं।
ओएचई ब्रेक डाउन होने से जो ट्रेन जहां होती है वहीं रुक जाती है।
इलेक्ट्रिक इंजन पूरी तरह बंद हो जाता है।
एक ही ट्रैक पर ट्रेनों की लाइन लग जाती है।
आज देश में लगभग 90 प्रतिशत से ज्यादा ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजन से चलती हैं। इनके लिए बीच-बीच में पावर हब बनाए जाते हैं। ट्रेनों को ज्यादा स्पीड से चलाने के लिए यह हब बनाए जाते हैं, जहां से बिजली सप्लाई होती है। चूंकि कुछ किलोमीटर की दूरी तय करने में ट्रेनों को महज कुछ मिनट लगते हैं, ऐसे में इन हबों को ज्यादा करीब बनाया जाने लगा है।
अगर ऐसे में किसी जोन का ग्रिड फेल हो जाए तो उस जोन में चलने वाली सभी ट्रेनें खुद ही खड़ी हो जाती हैं। 10 से 12 साल पहले दिल्ली क्षेत्र का ग्रिड फेल हो गया था तब दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में ट्रेनों के पहिए थम गए थे।
Indian Railway News: रेलवे अधिकारियों के अनुसार, अधिकारी-कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया। इसमें पता चला कि तकनीकी खराबी के चलते इलेक्ट्रिक लाइन बाधित हो गई। जिसे बनाने में लगभग डेढ़ घंटे का समय लगा। इस दौरान यात्री पूछताछ केंद्र में भी जानकारी लेते रहे। वहीं, अपने परिजनों को लेने आए लोग भी भटकते रहे।