रायपुर

छत्तीसगढ़ के किसानों को बड़ी राहत! MSP पर होगी दलहन-तिलहन की खरीदी, जानिए पंजीयन से लेकर समर्थन मूल्य तक पूरी जानकारी…

CG News: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) के तहत राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर दलहन और तिलहन फसलों की खरीदी को मंजूरी दे दी है।

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Dec 21, 2025
छत्तीसगढ़ के किसानों को बड़ी राहत! MSP पर होगी दलहन-तिलहन की खरीदी, जानिए पंजीयन से लेकर समर्थन मूल्य तक पूरी जानकारी...(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए राहत भरी खबर है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) के तहत राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर दलहन और तिलहन फसलों की खरीदी को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के कृषि मंत्री रामविचार नेताम के बीच हुई चर्चा के बाद खरीफ सीजन के लिए 425 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है।

CG News: मार्कफेड के जरिए होगी खरीदी, 222 केंद्र तैयार

राज्य में दलहन-तिलहन की उपार्जन प्रक्रिया मार्कफेड के माध्यम से सहकारी समितियों द्वारा की जाएगी। इसके लिए प्रदेश के 22 जिलों में 222 उपार्जन केंद्र अधिसूचित किए गए हैं। खरीफ सीजन के दौरान अरहर, उड़द, मूंग, सोयाबीन और मूंगफली की कुल 50 हजार मीट्रिक टन से अधिक की खरीदी की जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि इस निर्णय से किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा और प्रदेश में फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

MSP दरें (वर्ष 2025-26)

केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए दलहन और तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित कर दिए हैं। इसके तहत अरहर (तुअर) का MSP ₹8,000 प्रति क्विंटल, मूंग ₹8,768 प्रति क्विंटल, उड़द ₹7,800 प्रति क्विंटल, मूंगफली ₹7,800 प्रति क्विंटल और सोयाबीन ₹5,328 प्रति क्विंटल तय किया गया है।

इसके साथ ही केंद्र सरकार ने यह आश्वासन भी दिया है कि आवश्यकता पड़ने पर सोयाबीन और मूंगफली के लिए अतिरिक्त कोटा भी जारी किया जाएगा, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित किया जा सके और उन्हें बाजार में उतार-चढ़ाव से बचाया जा सके।

पंजीयन प्रक्रिया शुरू

योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। जिन किसानों का पंजीयन अभी तक नहीं हुआ है, वे नजदीकी सहकारी समिति में जाकर पंजीयन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। सरकार का कहना है कि इस व्यवस्था से किसानों को बाजार में उतार-चढ़ाव से राहत मिलेगी और उन्हें उनकी उपज का सुनिश्चित मूल्य प्राप्त होगा।

Updated on:
21 Dec 2025 12:38 pm
Published on:
21 Dec 2025 12:37 pm
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