अभियान के दौरान रायगढ़, खरसिया और एडीबी रायगढ़ सहित जिले के सात प्रमुख स्थानों पर जीवन प्रमाण पत्र शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की टीमें पेंशनरों को प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया में सहयोग प्रदान करेंगी।
पेंशनरों के लिए राहत और सुविधा की बड़ी सौगात मिली है। अब उन्हें जीवन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए बैंकों या कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त सहयोग से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 4.0 की शुरुआत की जा रही है, जिसके अंतर्गत पेंशनर अपने घर बैठे ही मोबाइल ऐप के माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र बना सकेंगे।
डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 4.0 पूरे देश में 1 नवंबर से 30 नवंबर 2025 तक संचालित होगा। इस अवधि में रायगढ़ जिले में भी विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक पेंशनरों को इसका लाभ मिल सके। अभियान के दौरान रायगढ़, खरसिया और एडीबी रायगढ़ सहित जिले के सात प्रमुख स्थानों पर जीवन प्रमाण पत्र शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की टीमें पेंशनरों को प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया में सहयोग प्रदान करेंगी।
साथ ही जिन पेंशनरों को मोबाइल ऐप का उपयोग करने में कठिनाई होती है, वे अपने नजदीकी बैंक या पोस्ट ऑफिस जाकर फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से भी प्रमाण पत्र बनवा सकेंगे। इस अभियान का संचालन भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के समन्वय में किया जा रहा है। राज्य स्तर पर वित्त विभाग, छत्तीसगढ़ शासन तथा संचालनालय पेंशन एवं भविष्य निधि, रायपुर द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। अभियान का मुख्य उद्देश्य पेंशनरों के जीवन को सरल, सम्मानजनक और आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि उन्हें सरकारी प्रक्रियाओं के लिए किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
जिला प्रशासन के निर्देशन में रायगढ़ जिले में इस अभियान के क्रियान्वयन की तैयारी पूरी कर ली गई है और जिले के सभी पेंशनरों तक यह सुविधा सुगमता से पहुंचाने की दिशा में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। पेंशन एवं भविष्य निधि संचालनालय, रायपुर द्वारा प्रारंभ इस सुविधा के अंतर्गत पेंशनर अपने एंड्रॉइड मोबाइल फोन में आधार फेस आरडी और जीवन प्रमाण फेस ऐप डाउनलोड कर, चेहरे की पहचान के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बना सकेंगे। यह तकनीक पूरी तरह सुरक्षित, सरल और पारदर्शी है, जिससे पेंशनरों को अपने घर के आरामदायक वातावरण में ही प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की सुविधा मिलेगी।