Chhattisgarh Malaria Case: छत्तीसगढ़ में मलेरिया से हाहाकार मच गया है। बीजापुर में पिछले तीन दिनों में मलेरिया से दो छात्राओं की मौत हो गई, जबकि पॉजीटिव केस संख्या 300 के पार हैं।
Chhattisgarh Malaria Case: बीजापुर के आवासीय विद्यालयों,आश्रमों और पोटा कैबिन के विद्यार्थियों में फैले मलेरिया के प्रकोप से दो बच्चों की मौत और पीड़ितों की संख्या 300 के पार पहुचंने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल और एसीएस हेल्थ मनोज पिंगुआ अन्य अधिकारियों के साथ सोमवार को बीजापुर पहुंचे। उन्होंने जिला अस्पताल पहुंचकर वहां भर्ती बच्चों और उनके परिजनों से भेंट की और उनका हालचाल जाना।
उन्होंने कहा कि पूरा स्वास्थ्य अमला पीड़ितों के इलाज में जुटा हुआ है। स्थिति में सुधार है और बीमार बच्चे जल्द ही स्वास्थ्य होकर अपने अपने विद्यालयों में लौटेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने विभिन्न वार्डों में पहुंचकर मरीजों एवं उनके परिजनों से मिलकर स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने डॉक्टरों को बेहतर इलाज के निर्देश देते हुए जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों का मलेरिया जांच अनिवार्य रूप से करने और मलेरिया पॉजिटिव बच्चों के माता-पिता के भी मलेरिया टेस्ट करने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने आईसीयू में बेड की कमी को देखते हुए तत्काल 10 बेड सहित दो डायलिसिस मशीनों की स्वीकृति दी एवं बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जिला अस्पताल के लिए सर्वसुविधायुक्त नया भवन, नए सेटअप के लिए जल्द ही स्वीकृत करने की बात कही।
बीजापुर जिले के अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में मलेरिया पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 300 से अधिक हो गई है।जिसमे से प्रमुख गंगालूर और चेरपाल कैबिन में 56-56 बच्चे मलेरिया पॉजिटिव है इसके अलावा बालक आश्रम गोंगला में 42, तोएनार में 20, नैमेड में 13 तथा जिला मुख्यालय बीजापुर स्थित पोटा कैबिन में 18 बच्चे पॉजिटिव आए है।इसके अलावा भैरमगढ़,उसूर और भोपालपटनम ब्लॉकों में स्थित आवासीय विद्यालयों में भी बच्चों के मलेरिया पॉजिटिव आने की खबरे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग यहां के आंकड़े नहीं बता रहा है।
रायपुर. राज्य सरकार के निरंतर प्रयास और जनसहभागिता के कारण मलेरिया पर नियंत्रण पाने में राज्य ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। राज्य सरकार के मुताबिक मलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत 2020 से 2023 के दौरान, पहले से नौंवे चरण तक मलेरिया धनात्मक दर 4.60 फीसदी से घटकर 0.51 फीसदी हो चुकी है। इस अभियान का दसवां चरण भी 5 जुलाई 2024 को समाप्त हुआ है। वहीं मलेरिया के वार्षिक परजीवी सूचकांक दर के अनुसार 2018 में छत्तीसगढ़ में मलेरिया की दर 2.63 फीसदी थी, जो 2023 में घटकर 0.99 फीसदी रह गई है। इसी तरह बस्तर में यह दर 16.49 फीसदी से घटकर 7.78 फीसदी रह गई है।
मलेरिया पॉजिविटी रेट कम होने पर कांग्रेस ने इसका श्रेय पूर्ववर्ती सरकार को दिया है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, सरकार ने जो आंकड़े जारी किए हैं, वो 2023 के हैं। यानी हमारी सरकार ने जो काम किया, यह उसका असर है। हमने कीटनाशक युक्त मच्छरदानियों बांटी। हाट बाजार क्लिनिक बनाई। हमारे समय में मलेरिया और डायरिया से मौते कम हो रही है। पिछले छह महीने में जो मौते हो रही है, वो चिंता का विषय है।
यहां जनवरी 2020 से जून 2024 तक छत्तीसगढ़ में मलेरिया, डेंगू, पीलिया और डायरिया के प्रकोप को दर्शाने वाला डेटा चार्ट है। चार्ट निर्दिष्ट अवधि में प्रत्येक बीमारी के मामलों की संख्या प्रदर्शित करता है।
बालोद/दुर्ग : पिछले 10 दिनों में जिले में मलेरिया के 28 मरीज मिल चुके है। इनका इलाज चल रहा है। वहीं डेंगू के दो मरीज दल्लीराजहरा मेे एक सप्ताह पहले मिले थे। ये दोनों मरीज मूर्तिकार हैं, जो मूर्ति बनाने पश्चिम बंगाल से आए थे, ये वापस चले गए हैं। बिलासपुर, सरगुजा और दुर्ग संभाग में फिलहाल मलेरिया का कोई मरीज नहीं मिला है।