रायपुर

CG Medical College: कैंसर सर्जरी विभाग में MCH कोर्स को मान्यता, रोबोटिक सर्जरी कब? जानें..

CG Medical College: रायपुर में पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कैंसर (आंको) सर्जरी विभाग में एमसीएच कोर्स को मान्यता मिल गई है।

3 min read
Feb 22, 2025
25 साल में मेडिकल शिक्षा में बड़ा बदलाव! एक कॉलेज से बढ़कर 16, MBBS सीटें 100 से हुईं 2455...(photo-patrika)

CG Medical College: छत्तीसगढ़ के रायपुर में पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कैंसर (आंको) सर्जरी विभाग में एमसीएच कोर्स को मान्यता मिल गई है। ऐसे में इस विभाग में रोबोटिक सर्जरी कब शुरू होगी, ये देखने वाली बात है। दरअसल देश के जिस भी मेडिकल कॉलेज में एमसीएच कोर्स चल रहा है, ज्यादातर में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा है। जैसे टाटा कैंसर अस्पताल मुंबई, बीजे मेडिकल कॉलेज अहमदाबाद व अन्य कॉलेज शामिल है।

CG Medical College: 2018 में एक कागज से अटकी थी मशीन

आंको सर्जरी विभाग को हाल ही में एमसीएच की 3 सीटें मिली हैं। इसके बाद सेंट्रल इंडिया के किसी सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमसीएच कोर्स शुरू होने वाला नेहरू मेडिकल मेडिकल कॉलेज पहला बन गया है। पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि रोबोटिक सर्जरी में हाई एंड व क्रिटिकल सर्जरी की जाती है। चूंकि एमसीएच कोर्स में देशभर से छात्र आएंगे।

रोबोटिक सर्जरी की सुविधा होने से उन्हें एमसीएच डिग्री लेने के बाद ट्रेनिंग के लिए कहीं और कॉलेज जाना नहीं पड़ेगा। ऐसे में यह सुविधा मिल जाए तो बड़ी उपलब्धि होगी। हम यह इसलिए भी कह रहे हैं कि 2018 में रोबोटिक सर्जरी के लिए टेंडर तक मंगाया जा चुका है। यानी दोबारा इस पर विचार किया जा सकता है। विभाग में अब तक 10 हजार से ज्यादा सर्जरी हो चुकी है, जिसमें 1000 लेप्रोस्कोपिक सर्जरी है। बाकी ओपन सर्जरी की गई है।

20-22 करोड़ खर्च आएगा

आंको सर्जरी विभाग में रोबोटिक सर्जरी के सेटअप में 20 से 22 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है। रोबोटिक सर्जरी शुरू होने पर सेंट्रल इंडिया का पहला सरकारी अस्पताल बन जाएगा। वर्तमान में राजधानी के एक निजी कैंसर अस्पताल में यह सुविधा है। रोबोटिक सर्जरी का सबसे बड़ा फायदा कैंसर के मरीजों को होगा। सर्जरी की संया डबल होने लगेगी। इससे वेटिंग घटेगी और सर्जरी की क्वालिटी भी बढ़ जाएगी।

दरअसल रोबोटिक सर्जरी में लगने वाली मशीन ही काफी एडवांस होती है। ये मशीन लगने से न केवल कैंसर के बल्कि यूरो कैंसर सर्जरी भी होने लगेगी। इसमें यूरो सर्जरी विभाग अभी डीकेएस में संचालित हो रहा है। जब प्रोस्टेट या यूरो संबंधी दूसरे मरीज आएंगे, तब उनकी सर्जरी के लिए यूरो सर्जन को बुला लिया जाएगा। यानी अंको व यूरो सर्जन मिलकर रोबोटिक सर्जरी करेंगे। वर्तमान में जो अंको सर्जन पदस्थ हैं, उन्होंने पहले ही रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग ले ली है। बाकी सर्जन के अलावा नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ को भी रोबोटिक सर्जरी से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी।

(जैसाकि आंको सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. आशुतोष गुप्ता ने बताया।)

डीन नेहरू मेडिकल कॉलेज में डॉ. विवेक चौधरी ने कहा की आंको सर्जरी विभाग में एमसीएच की सीट मिलना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है। 2018 में रोबोटिक सर्जरी के लिए टेंडर किया गया था, लेकिन तकनीकी कारणों से फाइनल नहीं हो पाया था। अब नए सिरे से इस प्रस्ताव पर उच्चाधिकारियों से चर्चा की जाएगी।

रोबोटिक सर्जरी के सेटअप के लिए 2018 में टेंडर हो चुका है। सीजीएमएससी यानी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इसके लिए ग्लोबल टेंडर मंगाया था। यह एडवांस मशीन विदेश से आती है। इसमें यूएसए की एक कंपनी से बातचीत चल ही रही थी कि एक जरूरी दस्तावेज नहीं भेजने के कारण मामला अटक गया।

डॉक्टरों के अनुसार इसके बाद भी कई बार चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है, लेकिन इस प्रस्ताव पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। दरअसल प्रदेश के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज, यहां तक एस में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा नहीं है।

रोबोटिक सर्जरी के फायदे

सर्जरी की संख्या डबल होगी

पिन पाइंट होगी सर्जरी

ब्लीडिंग नहीं होती

मरीजों की जल्दी छुट्टी

इंफेक्शन नहीं होता

रिकवरी बहुत जल्द

क्वालिटी में सुधार

360 डिग्री में क्रिटिकल सर्जरी

Updated on:
22 Feb 2025 11:09 am
Published on:
22 Feb 2025 11:02 am
Also Read
View All

अगली खबर