CG Medical College: स्टायपेंड की राशि शासन देती है न कि ऑटोनॉमस फंड से। निजी मेडिकल कॉलेजों में सरकारी जैसे स्टायपेंड दिया जाता है।
CG Medical College: पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हर माह 629 छात्रों को 3 करोड़ 29 लाख 12 हजार 200 रुपए स्टायपेंड बांट रहा है। इनमें 228 इंटर्न व बाकी पीजी यानी एमडी, एमएस व एमसीएच के छात्र शामिल हैं। पीजी का एडमिशन अभी पूरा नहीं हुआ है। बाकी छात्रों के आने के बाद स्टायपेंड की राशि बढ़ जाएगी।
अभी पीजी में एडमिशन का दो राउंड पूरा हुआ है। नेशनल मेडिकल कमीशन ने हाल में छत्तीसगढ़ समेत देश के सभी मेडिकल कॉलेजों को पत्र लिखकर इंटर्न व पीजी छात्रों को दिए जाने वाले स्टायपेंड की जानकारी मंगाई थी। एनमएसी को शिकायत मिली थी कि कुछ निजी मेडिकल कॉलेज छात्रों को कम स्टायपेंड दे रहे हैं।
छात्रों ने इसकी शिकायत ऑनलाइन की थी। इसके बाद सभी कॉलेजों ने एनएमसी को स्टायपेंड की जानकारी भेजी है। नेहरू मेडिकल कॉलेज एमडी-एमएस की 150 व डीकेएस में एमसीएच की 6 सीटें हैं। इंटर्न का हर माह 15600 रुपए, पीजी फर्स्ट ईयर को 67500 रुपए, सेकंड ईयर को 71450 रुपए व फाइनल ईयर वालों को 74600 रुपए स्टायपेंड दिया जा रहा है।
CG Medical College: एमसीएच के लिए भी यही स्टायपेंड दिया जा रहा है। इंटर्नशिप एक साल की होती है। जबकि पीजी कोर्स तीन साल का कोर्स होता है। स्टायपेंड की राशि शासन देती है न कि ऑटोनॉमस फंड से। निजी मेडिकल कॉलेजों में सरकारी जैसे स्टायपेंड दिया जाता है। हालांकि कुछ कॉलेज खेल भी कर देते हैं।
भिलाई स्थित एक निजी कॉलेज कम फीस का हवाला देकर कम स्टायपेंड दे रहा है। मामला हाईकोर्ट में भी गया था। दरअसल, निजी मेडिकल कॉलेजों में नॉन क्लीनिकल सीटों की फीस 7 लाख व क्लीनिकल की 10 लाख सालाना फीस है। नॉन क्लीनिकल सीटों के लिए कॉलेजों को जेब से स्टायपेंड देना होगा। हालांकि निजी कॉलेजों में ये सीटें कभी नहीं भरतीं।