रायपुर

अब खून गाढ़ा करने वाला इंजेक्शन निकला घटिया, ओपन हार्ट सर्जरी के बाद नहीं रुक रही ब्लीडिंग, मरीजों की जान पर खतरा बढ़ा

CG News: सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर सीजीएमएससी लैब में दवा या इंजेक्शन का क्वॉलिटी टेस्ट कराने के बाद ही अस्पतालों में सप्लाई की बात करता है। ऐसे में ये इंजेक्शन अस्पताल पहुंचकर स्तरहीन क्यों हो जाता है?

3 min read
May 25, 2025
अब खून गाढ़ा करने वाला इंजेक्शन निकला घटिया (Photo- Patrika)

CG News: पीलूराम साहू/सीजीएमएससी से सप्लाई पहले खून पतला करने वाला इंजेक्शन हिपेरिन घटिया निकला था, अब खून गाढ़ा करने वाला प्रोटामिन सल्फेट स्तरहीन निकला है। नासिक की वाइटल हेल्थकेयर कंपनी में बने इंजेक्शन के उपयोग से ओपन हार्ट सर्जरी के बाद मरीजों का खून गाढ़ा होने में 20-25 मिनट लग रहा है। जबकि इसमें केवल एक से दो मिनट लगना चाहिए। देरी से खून गाढ़ा या सामान्य होने में देरी के कारण मरीजों की ब्लीडिंग नहीं रुक रही है। इससे मरीजों की जान पर खतरा बढ़ गया है।

CG News: अस्पातल पहुंचकर क्यों गिर जाती है क्वॉलिटी?

वाइटल हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड नासिक का प्रोटामिन इंजेक्शन, जिसका बैच नंबर वी 24133, मैनुफैक्चर डेट जून 2024 व एक्सपायरी डेट मई 2026 है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर सीजीएमएससी लैब में दवा या इंजेक्शन का क्वॉलिटी टेस्ट कराने के बाद ही अस्पतालों में सप्लाई की बात करता है। ऐसे में ये इंजेक्शन अस्पताल पहुंचकर स्तरहीन क्यों हो जाता है? आखिर लाइफ सेविंग इंजेक्शन लगातार घटिया क्यों निकल रहा है? आखिर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है?

दो मिनट में ही हो रहा खून हो रहा सामान्य

गौर करने वाली बात ये है कि ओपन हार्ट सर्जरी में ऑपरेशन के पहले खून पतला करने वाला इंजेक्शन हिपेरिन लगाया जाता है, ताकि सर्जरी के दौरान खून का थक्का न जमे। जब ऑपरेशन हो जाता है, तब मरीज के ब्लड को सामान्य करने के लिए प्रोटामिन इंजेक्शन लगाया जाता है।

ताकि मरीज का ब्लड सामान्य यानी पहले की तरह हो जाए और ब्लीडिंग से जान को खतरा न रहे। इंजेक्शन घटिया निकलने पर डॉक्टर बाजार से इंजेक्शन मंगवाकर मरीजों को लगा रहे हैं। ये इंजेक्शन एक से दो मिनट में ही खून को साामान्य कर रहा है। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि सीजीएमएससी से सप्लाई प्रोटामिन इंजेक्शन घटिया है।

खांसी का सीरप पीने के बाद नर्स चक्कर खाकर बेहोश होकर गिरी

आंबेडकर अस्पताल की एक नर्स को खांसी थी तो उन्होंने सीजीएमएससी से सप्लाई सीरप को पीया। सीरप पीने के कुछ देर बाद उन्हें चक्कर आ गया। फिर बेहोशी की हालत में पहुंच गई। किसी तरह दूसरे स्टाफ ने उन्हें संभाला और अस्पताल में भर्ती किया। नर्स को ठीक होने में 4 घंटे से ज्यादा लग गया। उनका हार्ट बीट 140 से ज्यादा पहुंच गई थी, जो 100 के भीतर होनी चाहिए।

विभागों की शिकायत के बाद सीजीएमएससी को पत्र

CG News: विभिन्न विभागों से इंजेक्शन, सीरप व स्लाइन के स्तरहीन व घटिया होने की शिकायत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने सीजीएमएससी को पत्र लिखकर इसकी सूचना दे दी है। यही नहीं सभी एचओडी को पत्र लिखकर ये सेंट्रल दवा स्टोर में जमा करने को कहा गया है। ताकि किसी और मरीज को परेशानी या जान का खतरा न हो।

इन दवाओं के उपयोग से भी साइड इफेक्ट व रिएक्शन

  • प्रेमाडॉल 50 मिग्रा
  • लिनिन जोनाड्रिल सीरप
  • नार्मल व डेक्सट्रोज स्लाइन

डॉ. संतोष सोनकर, अस्पताल अधीक्षक आंबेडकर अस्पताल: विभागों से शिकायत मिलने के बाद प्रोटामिन सल्फेट इंजेक्शन समेत स्लाइन व सीरप के स्तरहीन होने की जानकारी सीजीएमएससी को पत्र लिखकर दी गई है। जीवनरक्षक इंजेक्शन क्यों मरीजों पर काम नहीं कर रहा है, ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा।

Published on:
25 May 2025 08:36 am
Also Read
View All

अगली खबर