CG News: ये आंकड़े राजस्व विभाग की वेबसाइट पर दर्ज हैं। वहीं, राजस्व कोर्ट में भी लगातार प्रकरण लंबित है, क्योंकि संबंधित विभाग के अधिकारी समय पर राजस्व कोर्ट को दस्तावेज ही उपलब्ध नहीं करा रहे हैं...
CG News: प्रदेश में राजस्व प्रकरणों के निराकरण में विभागों के अधिकारियों द्वारा तहसील से लेकर जिले तक जमकर लापरवाही और उदासीनता बरती जा रही है। यही कारण है कि प्रदेश में वर्तमान में एक लाख 40 हजार से अधिक प्रकरण अभी तक लंबित हैं। ये आंकड़े राजस्व विभाग की वेबसाइट पर दर्ज हैं। वहीं, राजस्व कोर्ट में भी लगातार प्रकरण लंबित है, क्योंकि संबंधित विभाग के अधिकारी समय पर राजस्व कोर्ट को दस्तावेज ही उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। नतीजा कोर्ट को प्रकरणों के जल्दी निराकरण करने में समय लग रहा है।
राजस्व प्रकरण के जल्द निराकरण के लिए राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को समय-समय पर निर्देश देते हैं। इसके बावजूद विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा लगातार लापरवाही बरती जाती है। यही कारण है कि शहरी से लेकर ग्रामीण लोग भी विभाग में आए दिन प्रकरण के निराकरण के लिए चक्कर लगाते रहते हैं।
विभागों में लोगों के द्वारा दस्तावेजों की फोटो कॉपी के साथ आवेदन के बाद विभाग में फाइलें तो बनाई जाती हैं, लेकिन बाद में फाइल ही विभाग में गुम हो जाती है। इसका खुलासा तब होता है, जब आवेदन दोबारा अपने प्रकरण के बारे में विभाग में अधिकारियों-कर्मचारियों के पास पूछने आते हैं। अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा पूछने पर कहा जाता है कि फाइल तो मिल नहीं रही है, दोबारा आवेदन कर दीजिए। अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा इस तरह के जवाब मिलने के बाद कई बार तो लोग आक्रोशित हो जाते हैं। कई बार तो अधिकारियों-कर्मचारियों के बीच विवाद की स्थिति भी निर्मित हो जाती है।
सीमांकन, नामांकन, बटांकन, अवैध अतिक्रमण, अनुज्ञा प्रमाण पत्र के प्रकरण सबसे अधिक विभागों में लंबित हैं।