CG News: धर्मांतरण को लेकर जारी बहस और छत्तीसगढ़ बंद के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि किसी की गरीबी, अशिक्षा और निर्धनता का लाभ उठाकर धर्म परिवर्तन कराना उचित नहीं है।
CG News: छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर जारी बहस और छत्तीसगढ़ बंद के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि किसी की गरीबी, अशिक्षा और निर्धनता का लाभ उठाकर धर्म परिवर्तन कराना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपनी स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो वह अलग बात है, लेकिन दबाव, लोभ या मजबूरी के जरिए कराया गया धर्मांतरण गलत है और इसका विरोध होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्व समाज ने इसी भावना के साथ इसका विरोध किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ में 115 अटल परिसरों का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आज श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती है। उन्हीं के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ था। राज्य आज उनकी जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मना रहा है। शहरी क्षेत्रों में 115 स्थानों पर अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाओं का अनावरण किया गया है।
धर्मांतरण को लेकर पं. धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर विधायक पुरंदर मिश्रा ने कहा कि कैंसर का इलाज संभव है, लेकिन धर्मांतरण जैसी समस्या का नहीं। इसके लिए समाज को लोभ और प्रलोभन का त्याग करना होगा। उन्होंने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में जल्द ही धर्मांतरण को लेकर कानून बनाया जाएगा।
मैग्नेटो मॉल में हुई तोड़फोड़ की घटना पर विधायक पुरंदर मिश्रा ने कहा कि कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए था। कुछ लोग अति उत्साह में आकर ऐसा कदम उठा लेते हैं, जो कानून की समझ नहीं रखते। ऐसे मामलों में संयम जरूरी है।
SIR (विशेष पुनरीक्षण) को लेकर विधायक पुरंदर मिश्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के दोहरे चरित्र के कारण लोगों के नाम कटे हैं। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक कांग्रेस का शासन रहा और उसी दौरान आयोग से कहा गया था कि किसी का वोट न काटा जाए। भूपेश बघेल के सवालों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि पहले यह स्पष्ट किया जाए कि कितने बांग्लादेशी और रोहिंग्या यहां लाकर बसाए गए।
राज्य में धर्मांतरण, सुशासन और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है, वहीं सरकार की ओर से संकेत दिए गए हैं कि आने वाले समय में इस मुद्दे पर ठोस नीतिगत और कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं।