रायपुर

CG News: स्मार्ट सिटी का ऐसा हाल, 10 साल पहले जैसा जलभराव, अब 200 करोड़ मिलने की आस

CG News: रायपुर शहर में करोड़ों रुपएसे बनी स्मार्ट सिटी में जलभराव जैसी बड़ी समस्या से शहर के लोगों को छुटकारा नहीं मिला है।

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Aug 27, 2024

CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में स्मार्ट सिटी बनाने में करोड़ों रुपए फूंके गए, परंतु जलभराव जैसी बड़ी समस्या से शहर के लोगों को छुटकारा नहीं मिला है। आज भी शहर के कई मोहल्लों और कॉलोनियों में वैसी ही स्तिथि बरसात में बन जाती है, जैसा कि दस साल पहले। थोड़ी सी बारिश होने पर प्रमुख सड़कें डूब रही हैं। क्योंकि, न तो ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त हुआ न ही नाले-नालियां कवर्ड हुई। नतीजा, गंदगी उफन कर सड़कों पर पसर रही है और मच्छरों की पैदावार दिन दूनी, रात चौगुनी के हिसाब से हो रही है।

CG News: 16 लाख की आबादी है परेशान

इन्हीं समस्याओं को देखते हुए शहर की 16 लाख की आबादी परेशान है। ऐसे में अब रायपुर नगर निगम को अर्बन फ्लड रिस्क मैनेजमेंट प्रोग्राम के लिए नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) ने चयन किया है। इस प्लान से रायपुर निगम को 200 करोड़ रुपए अनुदान के रूप में मिलेगा। जिसमें से 25 फीसदी यानी 50 करोड़ रुपए राज्यांश के रूप में प्रदेश सरकार को देना होगा। यह राशि मिलने पर संकरे नाले चौड़े होंगे और पानी निकासी के लिए नाले-नालियों का स्लोप शहर के बसाहट के अनुरूप करना पड़ेगा। तब जाकर शहर के लोगों को जलभराव जैसी समस्या से राहत मिलेगी। लेकिन इसके लिए अभी काफी इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि, अभी प्रारंभिक प्रस्ताव रिपोर्ट तैयार हुई, जिसे केंद्र सरकार को भेजा गया है।

Raipur Smart City: रायपुर समेत नौ प्रमुख शहर शामिल

एनडीएमए ने रायपुर समेत ऐसे 9 शहरों भोपाल, पटना, त्रिवेंद्रम, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, जयपुर, कानपुर, विशाखापट्टनम को अपने प्लान में शामिल किया है। इन शहरों के लिए कुल 1800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। यानी हर शहर के हिस्से में 200 करोड़ आएगा। रायपुर निगम के अफसरों के अनुसार ड्रेनेज सिस्टम और वाटर लेवल मेंटेन करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन से नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी एवं केंद्रीय शहरी मंत्रालय ने कार्ययोजना मांगी थी। इनमें से अभी केवल दो निकाय रायपुर और विशाखापट्टनम ने भी अपनी रिपोर्ट भेजी है।

मुख्य रूप से ये काम कराने होंगे

इस प्लान के तहत एक जैसे चौड़ाई के ड्रेनेज सिस्टम करने होंगे। बसाहट के अनुरूप स्लोप बनाना पड़ेगा, ताकि ढलान ऊपर-नीचे न हो। तालाबों को एक-दूसरे से कनेक्ट करना पड़ेगा, ताकि हर तालाब में वाटर लेवल बराबर बना रहे। अभी छोकरानाले से बरसात का पानी शहर के बड़े हिस्से से बह जाता है, उसे रोकने के प्लान पर भी काम होगा, जिससे कि जल स्तर तेजी से मेंटेन हो।

Updated on:
27 Aug 2024 09:47 am
Published on:
27 Aug 2024 09:46 am
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