CG News: प्रदेश में नगर पंचायतों की संख्या बढ़ाने को लेकर साए सरकार जल्द ही बड़ा फैसला ले सकती है। इसकी संख्या 5050 है। जहां की आबादी 5 हजार से अधिक है।
CG News: छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में ग्राम पंचायतें 11664 हैं। इसमें से 5050 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां की आबादी 5 हजार से अधिक है। अब ये ग्राम पंचायतें नगर पंचायत बनने की बाट जो रही हैं। नगरीय निकाय के एक्ट के अनुसार पांच हजार से अधिक वाले गांवों को नगर पंचायत बनाया जाना चाहिए। इन गांवों को गाहे-बगाहे नगर पंचायत बनाने की मांग गांववालों द्वारा उठाया भी जाता है।
बता दे कि चुनाव के समय जरूर स्थानीय नेतागण ग्रामीणों से वोट बटोरने के लिए नगर पंचायत बनाने का आश्वासन देते हैं, लेकिन शासन स्तर पर नेताओं ने कभी बात नहीं रखी। यही कारण है कि ये पांच हजार 50 ग्राम पंचायतें आज तक नगर पंचायत नहीं बन पाई।
आपको बता दे कि राज्य शासन ने लोगों की मांग पर गौरेला-पेंड्रा को नगर पंचायत से नगर पालिका परिषद बनाया है। आने वाले दिनों में दो और नगर पंचायत पत्थलगांव और गदरी को भी नगर पालिका परिषद बनाए जाने की संभावना है।
ग्राम पंचायत के नगर पंचायत बनने से बहुत से फायदे हैं। सबसे पहले वार्डों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी। हर वार्ड के पार्षद होंगे। पार्षद अपनी पार्षद निधि से वार्ड में विकास कार्य करा सकते हैं। इसके अलावा नगर पंचायत बनने के बाद शासन से विकास कार्य के लिए राशि ग्राम पंचायत की तुलना में अधिक मिलेगी। विकास कार्यों में तेजी भी आएगी।
दरअसल 5 हजार से अधिक आबादी होने के बाद नगर पंचायत में शामिल होने की दहलीज पर सरपंच और सचिव ने भी शासन को नगर पंचायत बनाने के लिए पत्राचार नहीं किया। क्योंकि यदि ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बनाया गया, तो सरपंच और सचिव का अधिकार खत्म हो जाएगा। बता दे कि नगर पंचायत बनने के बाद अध्यक्ष का चुनाव होगा। ग्राम पंचायत में व्यक्ति विशेष के आधार पर सरपंच का चुनाव होता है, नगर पंचायत बनने पर चुनाव पार्टी आधारित हो जाता है। साथ ही वार्डों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती है।