रायपुर

CGMSC Scam: मोक्षित कॉरपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा गिरफ्तार, 660 करोड़ के घोटाले का मामला, 7 दिन की रिमांड पर रहेंगे

CGMSC Scam: छत्तीसगढ़ के दवा घोटाले मामले में EOW ने बड़ा एक्शन लिया है। लंबी पूछताछ के बाद EOW ने मोक्षित कार्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार किया है।

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Jan 30, 2025

CGMSC Scam: सीजीएमएससी में हुए 660 करोड़ के रीएजेंट और उपकरण घोटाले में दुर्ग के मोक्षित कॉर्पोरेशन के संचालक शशांक चोपड़ा को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया है। बुधवार को उसे विशेष न्यायाधीश निधि शर्मा तिवारी की अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए 7 दिन की रिमांड पर लिया है। इसकी अवधि पूरी होने पर 4 फरवरी को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

विशेष लोक अभियोजक एवं उपसंचालक अभियोजन मिथिलेश वर्मा की ओर से ने आरोपी शशांक को 14 दिन की रिमांड पर देने का आवेदन पेश किया था। साथ ही अदालत को बताया कि शशांक चोपड़ा, मोक्षित कॉर्पोरेशन रिकार्ड्स, मेडिकेयर सिस्टम एवं श्री शारदा इंडस्ट्रीज के नाम से तीन कंपनियों का संचालन करता है। उक्त एजेंसी सीजीएमएससी को दवा एवं उपकरण की सप्लाई करती है।

सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान

अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर बाजार मूल्य से अधिक पर इसकी आपूर्ति की गई। इसके संबंध में पूछताछ कर डिजिटल एविडेंस की बरामदगी की जानी है। साथ ही घोटाले में शामिल सिंडिकेट का साजिश को उजागर करना है। अधिकारियों के साथ मिलकर रची गई साजिश के चलते राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। इस खेल में शशांक की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। लोक अभियोजक के अनुसार शशांक चोपड़ा से सीजीएमएससी, डीएचएस के अधिकारियों एवं उनकी सहयोगी फर्म्स के संबंध में लंबी पूछताछ की गई।

CGMSC Scam: साक्ष्यों की बरामदगी

तलाशी के दौरान शशांक और इस फर्म से जुडी़ अन्य लोगों के ठिकानों से मिले साक्ष्य और घोटाले से संबंधित दस्तावेजों की बरामदगी की जानी है। बताया जाता है कि इसे खेल से जुड़े आधा दर्जन अन्य लोगों से पूछताछ कर बयान लिया जा रहा है। इस दौरान घोटाले में संलिप्ता के इनपुट मिलने पर अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। बता दें कि ईओडब्ल्यू ने सीजीेएमएससी में हुए घोटाले की जांच करने रायपुर, दुर्ग और हरियाणा के पंचकुला स्थित 16 ठिकानों पर छापा मारा गया है।

सीजीएमएससी दफ्तर में तलाशी

ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम द्वारा सीजीएमएससी दफ्तर में दबिश देकर तलाशी ली गई। इस दौरान बोगस बिलिंग, लेनदेन के दस्तावेज, निविदा के पेपर और आपूर्ति के साथ ही भुगतान से संंबंधित फाइलों को सीज किया गया है। बता दें कि सीजीएमएससी में मार्च-अप्रैल 2023 में मशीनों और रीएजेंट की खरीदी की गई थी। सीजीएमएससी के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर संबंधित फर्मों को लाभ पहुंचाने के लिए आपूर्ति करने की जिम्मेदारी सौंपी। इसमें जमकर कमीशनखोरी हुई।

Published on:
30 Jan 2025 07:19 am
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