रायपुर

660 करोड़ के घोटाले में CGMSC की बड़ी कार्रवाई, मोक्षित के साथ दो फर्म भी ब्लैक लिस्टेड..

CGMSC Scam: रायपुर में मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) ने मोक्षित कॉर्पोरेशन दुर्ग के साथ घोटाले में शामिल दो फर्म के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।

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Feb 20, 2025

CGMSC Scam:पीलूराम साहू. छत्तीसगढ़ के रायपुर में मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) ने मोक्षित कॉर्पोरेशन दुर्ग के साथ घोटाले में शामिल दो फर्म के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। श्री शारदा इंडस्ट्रीज तर्रा धरसींवा व पंचकुला हरियाणा के मेसर्स रिकॉडर्स एंड मेडिकेयर सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को तीन साल के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया है।

दोनों ही फर्म को 5 फरवरी 2025 से 4 फरवरी 2028 तक काली सूची में डाला गया है। आरोप है कि दोनों फर्म रीएजेंट व मेडिकल उपकरण सप्लाई में मोक्षित कॉर्पोरेशन के साथ घोटाले में शामिल है।

CGMSC Scam:दो फर्म भी ब्लैक लिस्टेड

आरोप है कि दोनों फर्म रीएजेंट व मेडिकल उपकरण सप्लाई में मोक्षित कॉर्पोरेशन के साथ घोटाले में शामिल है। एसीबी व ईओडब्ल्यू ने 28 जनवरी को एक साथ गंजपारा दुर्ग स्थित मोक्षित काॅर्पोरेशन के अलावा पंचकुला व तर्रा में छापामार कार्रवाई की थी।

660 करोड़ रुपए के रीएजेंट व मेडिकल उपकरण सप्लाई में मोक्षित को पहले ही तीन साल के लिए ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है। मोक्षित का डायरेक्टर शशांक चोपड़ा एसीबी की हिरासत में है। उनके बयानों के आधार पर सीजीएमएससी, हैल्थ व ड्रग विभाग से जुड़े अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है।

660 करोड़ का ये है मामला

पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि मोक्षित कॉर्पोरेशन ने सीजीएमएससी के अधिकारियों के साथ मिलकर घोटाले को अंजाम दिया है। पत्रिका पहले ही इस बात का खुलासा कर चुका है कि मैनुफैक्चरर नहीं होते हुए भी कैसे उन्होंने करोड़ों रुपए के मेडिकल उपकरण सप्लाई किए। सरकार के साथ एमओयू के बाद भी दवा फैक्ट्री नहीं डाला। फिर भी अधिकारियों ने मोक्षित का एमओयू रद्द नहीं किया।

यही नहीं रेफ्रिजरेटर से लेकर ब्लड सेल काउंटर मशीन को कई गुना ज्यादा दामों पर खरीदा गया। हद तो तब हो गई, जब ब्लड सेल काउंटर मशीन को लॉक कर दिया गया। इससे जहां भी इन मशीनों की सप्लाई हुई है, वहां ब्लड की जांच नहीं हो पा रही है। ये इसलिए किया गया, ताकि सीजीएमएससी मोक्षित से ही रीएजेंट खरीद सके। जबकि विशेषज्ञों के अनुसार रीएजेंट प्रोपराइटीज आइटम तो है, लेकिन 50 फीसदी केस में दूसरी कंपनी के रीएजेंट से जांच हो सकती है। फिर भी सप्लायर ने खेल किया। इससे मरीजों की जांच प्रभावित हो रही है।

Published on:
20 Feb 2025 08:21 am
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