CG Medical Counseling: रायपुर प्रदेश के सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों के पीजी कोर्स एमडी-एमएस में आवंटित सीट को स्वीकार करने के बाद छात्रों को हर हाल में एडमिशन लेना होगा।
CG Medical Counseling: रायपुर प्रदेश के सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों के पीजी कोर्स एमडी-एमएस में आवंटित सीट को स्वीकार करने के बाद छात्रों को हर हाल में एडमिशन लेना होगा। ऐसा नहीं करने पर छात्र स्वत: ही प्रवेश प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे। यही नहीं, किसी भी राउंड की काउंसलिंग के लिए पात्र भी नहीं रहेंगे। गौर करने वाली बात ये है कि एमबीबीएस कोर्स में निजी कॉलेजों में प्रवेश अनिवार्य नहीं था। छात्र दस्तावेजों के सत्यापन के बाद प्रवेश के लिए अगले राउंड का इंतजार करते थे।
प्रदेश में पीजी की 563 सीटें हैं। इनमें सरकारी कॉलेजों में 377 व निजी कॉलेजों में 186 एमडी-एमएस की सीटें हैं। इस माह प्रवेश के लिए काउंसलिंग शुरू होने की संभावना है। मामला कोर्ट में होने के कारण इस साल प्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों में काउंसलिंग शुरू नहीं हुई है। नीट क्वालिफाइड छात्रों को प्रवेश नियमों को ध्यान से पढ़ना होगा, नहीं तो उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
नियम के अनुसार, छात्र असंतुष्ट होने पर आवंटित सीट को अस्वीकार कर सकेगा। ऐसे में उनके पास अगले राउंड में बने रहने के लिए विकल्प बना रहेगा। काउंसलिंग के पहले सभी दस्तावेज होना भी जरूरी है। आवंटन सूची में नाम आने के बाद भी अगर दस्तावेज सही नहीं मिलता है तो छात्र स्वत: ही प्रवेश के लिए अपात्र माना जाएगा। निजी कॉलेजों में प्रवेश के दौरान 8 से 10 लाख निर्धारित ट्यूशन फीस जमा करनी होगी। कॉलेज बदलने पर 10 फीसदी काटकर बाकी फीस वापस करने का नियम है।
प्रदेश को हाल में एमडी-एमएस की 61 नई सीटें मिली हैं। नई सीटों को मिलाकर अब सरकारी कॉलेजों में पीजी की कुल सीटें बढ़कर 377 हो गई हैं। नई सीटें मिलने से प्रदेश में ज्यादा विशेषज्ञ डॉक्टर बंद कर निकलेंगे। एनएमसी ने हाल में सिस बिलासपुर में 21, राजनांदगांव में 7, जगदलपुर में 8, रायगढ़ में 12 व कोरबा में 13 नई सीटें स्वीकृत की हैं। निजी मेडिकल कॉलेजों में पीजी में 186 सीटें हैं। इनमें कोरबा में पहली बार पीजी की पढ़ाई होगी।
कोरबा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. केके सहारे व सीनियर कैंसर सर्जन व मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. युसूफ मेमन के अनुसार पीजी कोर्स एमबीबीएस डॉक्टरों को विशेषज्ञ डॉक्टर बनाता है। प्रदेश में लगातार पीजी की सीटें बढ़ती जा रही हैं, यह अच्छा संकेत है। इस साल काउंसलिंग में देरी से छात्र परेशान हो रहे हैं, क्योंकि नीट पीजी का रिजल्ट अगस्त में जारी हो गया था। इस हिसाब से अब तक दो राउंड का प्रवेश पूरा हो जाना था।
पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के दो कार्डियोलॉजिस्ट ने नौकरी छोड़ दी है। वे पिछले एक माह से ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने कोई नोटिस भी नहीं दिया है। फिर भी कार्डियोलॉजी विभाग ने डीन को पत्र लिखकर दोनों असिस्टेंट प्रोफेसरों के बिना सूचना के अनुपस्थित होने की जानकारी दे दी है।
इसके बावजूद स्थापना शाखा ने दोनों डॉक्टरों को कोई नोटिस नहीं दिया है। नियमानुसार बिना नोटिस दिए नौकरी छोड़ने पर एक माह का वेतन जमा करना होता है। एक माह का नोटिस पीरियड रहता है। नोटिस देने पर वेतन जमा करने की जरूरत नहीं पड़ती और एक माह का वेतन भी मिलता है। एक कार्डियोलॉजिस्ट ओडिशा में बांड सेवा पूरी करने गया है।
वहीं, दूसरा कार्डियोलॉजिस्ट पत्नी की बांड पोस्टिंग होने पर बिलासपुर चला गया है। दोनों डॉक्टरों के नौकरी छोड़ने से मरीजों का इलाज प्रभावित होने की संभावना कम है। दरअसल यहां तीन कार्डियोलॉजिस्ट सेवाएं दे रहे हैं। एक सीनियर संविदा कार्डियोलॉजिस्ट अगले साल फरवरी-मार्च में 70 साल की उम्र पूरी होने पर रिटायर हो जाएंगे। तब दो ही डॉक्टर बचेंगे। इस दौरान नए कार्डियोलॉजिस्ट भी ज्वॉइन कर सकते हैं। विभाग ने डीएम की तीन सीटों के लिए आवेदन किया है।