रायपुर

पौध किस्म रजिस्ट्री में छत्तीसगढ़ दूसरे नंबर पर, अब तक 650 किस्मों को मिला सर्टिफिकेट, जानें सबसे आगे कौन?

Plant Variety Registry: छत्तीसगढ़ में पौधों की विविधताओं का भरमार है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूरे देश में पौध किस्म रजिस्ट्रेशन के मामले में राज्य दूसरे नंबर पर आता है।

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Aug 21, 2025
पौधा किस्म रजिस्टर (फोटो सोर्स- Getty Images)

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में पौधों की विविधताओं का भरमार है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूरे देश में पौध किस्म रजिस्ट्रेशन के मामले में राज्य दूसरे नंबर पर आता है। राज्य में अभी तक 650 पौधा किस्मों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है और उन्हें सर्टिफिकेट भी मिल चुका है। राज्य से अभी तक 2500 आवेदन किए गए थे, जिसमें से 650 को सर्टिफिकेट मिला है। सबसे ज्यादा 1526 आवेदन चावल के किस्मों के हैं, जिसमें से 608 किस्मों की रजिस्ट्री हो चुकी है।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. दीपक शर्मा ने बताया कि राज्य के 10 जिलों में बायोडायवर्सिटी जोन आइडेंटिफाई किए गए हैं, जहां फसलों में काफी विविधताएं हैं। राज्य में फसलों में काफी किस्म प्रचलित है, जिनका रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। पौधा किस्म रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने में अभी सबसे आगे ओडिशा है, जहां लगभग 700 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। जल्द ही छत्तीसगढ़ देश में पहले नंबर पर पहुंच जाएगा। किसानों को इसके लिए और आगे आना होगा।

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72 प्रकार की फसलों के हुए आवेदन

पौध किस्म रजिस्ट्रेशन के लिए अब तक 72 प्रकार के फसलों के 2500 आवेदन किए जा चुके हैं। जिसमें सबसे ज्यादा चावल के 1526 आवेदन दिए गए है। इसके साथ ही बेर के 157 आवेदन, आम के 91, बैंगन के 57, अरहर के 44, उड़द के 33, लौकी के 31, कद्दू के 29, तोरई के 22, मिर्च के 20, धनिया, मूंग, मक्का के 18-18, भिन्डी और टमाटर के 16-16 आवेदन किए गए है।

क्या है पौधा किस्म रजिस्ट्री

पौधा किस्म रजिस्ट्री पौधों की नई किस्मों को विकसित करने वाले प्रजनकों और किसानों के अधिकारों की रक्षा करने और कृषि में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2001 (पीपीवी एंड एफआरए) के तहत पौधा किस्मों को पंजीकृत करने का प्रावधान है। यह अधिनियम न केवल प्रजनकों के अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि किसानों के अधिकारों को भी मान्यता देता है।

निशुल्क करा सकते हैं रजिस्टर

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में पौध किस्म रजिस्ट्रेशन के लिए किसानों को निशुल्क मदद की जाती है। उनसे कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता है। इसमें किसानों की किस्मों के लिए आवेदन करने के साथ फॉर्म भरने, कोई सवाल आने पर उनका निराकरण करने जैसे सभी काम विश्वविद्यालय के साइंटिस्ट द्वारा पूरा कराया जाता है। किसान रजिस्ट्रेशन कराने के लिए विश्वविद्यालय में संपर्क भी कर सकते हैं।

इन फसलों की किस्मों की हुई रजिस्ट्री

फसल - संख्या
चावल - 608
बैगन - 10
अरहर - 7
सरसों, मक्का, गेंहू, बेल - 3
चना, मटर, टमाटर - 2
पान, उड़द, जामुन, मसूर, घेवड़ा, भिन्डी, गेंदा, लतरी - 1

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Published on:
21 Aug 2025 11:06 am
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