रायपुर

Aluminum Production in CG: एल्यूमिनियम उत्पादन में छत्तीसगढ़ तीसरे स्थान पर, पार्क बनते ही विकास को लगेंगे पंख

Aluminum Production in CG: छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुए 24 साल बीत गए हैं। इस अवधि में प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है। बिजली के क्षेत्र में बड़े-बड़े थर्मल पावर प्लांटों की स्थापना हुई है।

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Nov 09, 2024

Aluminum Production in CG: छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुए 24 साल बीत गए हैं। इस अवधि में प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है। बिजली के क्षेत्र में बड़े-बड़े थर्मल पावर प्लांटों की स्थापना हुई है। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एल्यूमिनियम संयंत्र का भी विस्तार हुआ है।

वर्तमान में बालको के इस संयंत्र से सालाना 5 लाख 75 हजार टन एल्यूमिनियम का उत्पादन हो रहा है। एल्यूमिनियम संयंत्र के उत्पादन क्षमता में वृद्धि के लिए प्रबंधन 10 हजार करोड़ रुपए निवेश कर रहा है। अगले वित्तीय वर्ष में नया स्मेल्टर बनकर तैयार हो जाएगा। इसके साथ ही यहां से कुल उत्पादन क्षमता सालाना 10 लाख टन हो जाएगा।

एल्यूमिनयम उत्पादन की दृष्टि से बालको का देश भर में तीसरा स्थान है। नए स्मेल्टर के उत्पादन में आने के बाद छत्तीसगढ़ देश का दूसरा सबसे बड़ा एल्यूमिनियम उत्पादक राज्य बन जाएगा। वर्तमान में वेदांता समूह एल्यूमिनियम के उत्पादन में नंबर-1 स्थान पर है। कंपनी सबसे ज्यादा 17 लाख टन एल्यूमिनियम झारसुगड़ा में करती है जबकि हिंडालको दूसरे स्थान पर है। मगर इतना ज्यादा उत्पादन होने के बावजूद भी कोरबा में एल्यूमिनियम पार्क की स्थापना नहीं हो सकी है।

इस साल बजट में पांच करोड़ का प्रावधान

इस साल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने एल्यूमिनियम पार्क की स्थापना को लेकर पहली बार घोषणा की। प्रदेश के वित्त मंत्री ने विधानसभा को बताया कि कोरबा में एल्यूमिनियम पार्क की स्थापना की जाएगी। इसके लिए उन्होंने पांच करोड़ राशि का प्रावधान भी किया, मगर चालू वित्तीय वर्ष के सात माह पूरे हो गए हैं लेकिन अभी तक एल्यूमिनियम पार्क की स्थापना को लेकर कोरबा जिला प्रशासन को कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।

एल्यूमिनियम पार्क बनने से उद्योगों को मिलेगा हॉट मेटल

वर्तमान में छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा एल्यूमिनियम कारखाना बालको कोरबा में स्थित है। यहां से सालाना 5 लाख 75 हजार टन एल्यूमिनियम की सिल्ली बनती है। वर्तमान में बालको बड़ी-बड़ी कंपनियों से प्राप्त ऑर्डर के अनुसार तार, इंसुलेटर सहित अन्य बड़े आइटम को बनाती है जबकि डाउन स्ट्रीम के उद्योगों को इंगट (सिल्ली) दिया जाता है। एल्यूमिनियम पार्क बनने से बालको प्रबंधन पार्क में स्थापित डाउन स्ट्रीम के उद्योगों को बालको सीधे हॉट मेटल की आपूर्ति करेगा। सांचे में ढालकर यहां के कारोबारी अपनी मांग और जरूरत के अनुसार एल्यूमिनियम के हॉट मेटल को आकार दे सकेंगे।

ये हैं प्रमुख खरीदार

बालको में बनने वाले एल्यूमिनियम की सिल्ली की सप्लाई महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, दिल्ली, उत्तरप्रदेश सहित अन्य राज्यों में की जाती है। इन राज्यों में एल्यूमिनियम की सिल्ली को गलाकर आवश्यक उपकरण बनाए जाते हैं मगर कोरबा में इसके लिए जरूरी डाउन स्ट्रीम के संयंत्र नहीं हैं जिसके कारण यहां सिर्फ एल्यूमिनियम की सिल्ली संयंत्र से बनकर निकलती है।

140 हेक्टेयर जमीन की जरूरत

कोरबा में प्रस्तावित एल्यूमिनियम पार्क के लिए 140 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। पहले इस पार्क की स्थापना बालको संयंत्र के आसपास ही किया जाना था मगर अभी तक पार्क कहां बनेगा इसके लिए जमीन चिन्हित नहीं हुई है।

Updated on:
09 Nov 2024 08:01 am
Published on:
09 Nov 2024 07:34 am
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