Crime News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के दारापारा इलाके में एक पुलिसकर्मी के घर से 14 वर्षीय नाबालिग चांदनी कुड़ियाम का शव संदिग्ध परिस्थितियों में फंदे पर लटका मिला।
Crime News: बीजापुर जिला मुख्यालय के दारापारा इलाके से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक पुलिसकर्मी के घर से 14 वर्षीय नाबालिग युवती चांदनी कुड़ियाम का शव संदिग्ध परिस्थितियों में फंदे पर लटकता मिला। मृतका के परिजनों का आरोप है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या का मामला है, जिसे दबाने की कोशिश की गई।
यह घटना 17-18 अक्टूबर की बताई जा रही है। परिजनों का कहना है कि शव को गुपचुप तरीके से बुलेरो वाहन से मृतका के गृहग्राम दुगोली (तेलीपारा) ले जाया गया और डेढ़ लाख रुपए देकर मामले को दबाने की कोशिश की गई। परंतु ग्रामीणों के विरोध और एक युवती की सूचना पर पुलिस को खबर लग गई, जिसके बाद शव का पीएम किया गया।
Crime News: मृतका के भाई अजय कुड़ियाम ने बताया कि बीजापुर में पदस्थ पुलिसकर्मी सुभाष तिर्की की पत्नी नीरजा तिर्की जून माह में उनके घर आई थी और काम व पढ़ाई की व्यवस्था का झांसा देकर 14 वर्षीय चांदनी को अपने साथ ले गई थी। अजय ने विरोध करते हुए कहा था कि उसकी बहन भैरमगढ़ में छठवीं कक्षा में पढ़ती है और वह उसे पढ़ाना चाहता है, लेकिन नीरजा ने ‘‘पालन-पोषण और शिक्षा’’ का भरोसा दिलाकर बच्ची को साथ ले गई।
घटना से एक दिन पहले चांदनी ने अपने भाई को फोन कर बताया था कि वह बहुत परेशान है और घर आना चाहती है। उसने यह भी कहा था कि ‘‘घर के पीछे गड्ढा खोदा गया है और वहां कुछ छिपाया गया है’’, पर वह विस्तार से बात घर आने पर ही करेगी। अगले ही दिन उसकी मौत की खबर आई।
परिजनों का कहना है कि 14 वर्षीय मासूम बच्ची किसी भी हालत में आत्महत्या नहीं कर सकती। अगर यह आत्महत्या थी, तो फिर पैसे देकर मामला क्यों दबाया गया? क्यों जबरन अंतिम संस्कार कराया गया?’’ परिवार का आरोप है कि सुभाष तिर्की और उसकी पत्नी नीरजा तिर्की ने चांदनी को लगातार प्रताड़ित किया और उसकी हत्या कर दी। उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
Crime News: भाई अजय कुड़ियाम ने गंभीर आरोप लगाया कि मौत के बाद पुलिसकर्मी सुभाष तिर्की और उसकी पत्नी नीरजा दुगोली पहुंचे और परिवार को डेढ़ लाख रुपए देकर कहा कि मामला पुलिस तक न पहुंचे। ‘‘उन्होंने कहा कि बस अंतिम संस्कार कर दो, पुलिस में मत जाना। लेकिन हम सच चाहते हैं, पैसा नहीं।’’ परिजनों का कहना है कि जब उन्होंने शव को दफनाने की बात कही, तो दबाव बनाकर जलाने के लिए मजबूर किया गया, ताकि सबूत मिटाए जा सकें।
शव का पंचनामा किया गया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है: दुर्गेश शर्मा, प्रभारी कोतवाली बीजापुर