DGP-IG Meet: रायपुर में चल रही 60वें डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस में पुलिस की छवि बदलने और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने पर चर्चा हुई। वहीं चौंकाने वाले आंकड़े भी पेश हुए..
DGP-IG Meet: पुलिस जवानों और अधिकारियों पर लगातार काम का दबाव रहता है। 12 से 15 घंटे तक की ड्यूटी इन्हें मानसिक रूप से थका देती है। ( CG News ) ऐेसे में इनके बीमार होने या आकस्मिक मौत की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। रायपुर में चल रही 60वें डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे पर बात होनी चाहिए। यह समस्या देशभर की है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान इससे जूझ रहे हैं।
एक्सपर्ट व्यू
पुलिस में तनाव प्रबंधन- म्यूजिक थैरेपी समय की मांग
रिटायर्ड डीजी व पूर्व संचालक संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़, राजीव श्रीवास्तव ने पत्रिका से कहा कि एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है—जमीनी स्तर पर कार्यरत पुलिस बल का मानसिक और शारीरिक तनाव। जमीनी पुलिस बल-90 प्रतिशत, फोर्स 100 प्रतिशत दबाव में है। थाना स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक किसी भी योजना या सुधार का वास्तविक क्रियान्वयन उसी पुलिस बल पर निर्भर करता है, जो मोटे तौर पर 90 प्रतिशत सिपाहियों और हवलदारों से मिलकर बनता है। इन्हीं के कंधों पर "योजनाओं को अमलीजामा पहनाने" का सबसे बड़ा भार होता है। लगातार ड्यूटी, लगातार दबाव और लगातार चुनौतियों के कारण यह वर्ग मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक तनावों का सबसे अधिक शिकार बनता है।
परिणामस्वरूप योजनाएं धीरे-धीरे शिथिल पड़ जाती हैं, लक्ष्य अधूरे रह जाते हैं, और कर्मियों की मानसिक स्थिति कमजोर होती जाती है। यही वह वर्ग है जो हर तनाव का पहला और सबसे बड़ा भार उठाता है। परिवार का दबाव भी, विभाग का दबाव भी, जनता की झल्लाहट भी, और अपराधियों का खतरा भी। तनाव के कारण उत्पन्न गंभीर समस्याएं, लगातार तनाव से पुलिसकर्मियों में कई खतरनाक प्रवृत्तियां देखने को मिलती हैं-हाई बीपी, डायबिटीज, अनिद्रा खर्राटों की बीमारी, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, निराशा, परिवार और समाज से दूरीऐसे मामलों के आकंड़े यह साबित करते हैं कि यह समस्या किसी एक जिले या राज्य तक सीमित नहीं है। यह राष्ट्रीय चुनौती है।
पुलिस बल के भीतर तनाव दूर करने के लिए परंपरागत तरीके- खेलकूद, मनोरंजन कार्यक्रम, सांस्कृतिक गतिविधियां, मोटिवेशनल स्पीच- उपयोगी तो हैं, परंतु पर्याप्त नहीं। इसमें म्यूजिक थैरेपी कारगर हो सकती है। पुलिस का तनाव कम हुआ, जनता और पुलिस के बीच सेतु बना, दंगा-फसाद की स्थितियों में शांति भिन्न-भिन्न समुदाय के खिलाडिय़ों और कलाकारों के द्वारा शांति दूत बनकर ड्यूटी करने से शांति व्यवस्था कायम करने में मदद मिली, सामाजिक सौहार्द में वृद्धि हुई।
म्यूजिक थैरेपी जरूरी
म्यूजिक थेरेपी एक वैज्ञानिक उपचार पद्धति है, जिसमें संगीत की धुन, ताल और लय का उपयोग करके मानसिक तनाव, चिंता, थकान और भावनात्मक दबाव को कम किया जाता है। पुलिस को बेहतर बनाने और तनाव को कम करने के लिए इस उपाय का नियमित उपयोग करना चाहिए।
पुलिस कर्मियों का तनाव कम करने के लिए अन्य उपाय
छोटी-छोटी तकनीकें जैसे
क्रिएटिव थैरेपी