Patrika Raksha Kavach Abhiyaan: रायपुर में अब क्राइम करने के तरीके बदल गए हैं। पैसों के लिए फिजिकल क्राइम से ज्यादा अब डिजिटल क्राइम हो रहे हैं।
Patrika Raksha Kavach Abhiyaan: छत्तीसगढ़ के रायपुर में अब क्राइम करने के तरीके बदल गए हैं। पैसों के लिए फिजिकल क्राइम से ज्यादा अब डिजिटल क्राइम हो रहे हैं। साल भर में जितनी चोरी, लूट, डकैती, हत्या, दुष्कर्म आदि जैसी घटनाएं होती हैं, अब लगभग उतने ही ऑनलाइन ठगी, बुलिंग, हैकिंग जैसे डिजिटल क्राइम हो रहे हैं।
रायपुर जिले में डिजिटल क्राइम अब फिजिकल क्राइम (साइबर क्राइम के अलावा सभी मामले) से आंकड़ों में महज एक कदम ही पीछे है। कुछ सालों में यह फिजिकल क्राइम से भी आगे निकल जाएगा। जिले में दर्ज होने वाले मामलों के आंकड़ों को देखें, तो फिजिकल क्राइम और डिजिटल क्राइम के बीच संया में दो से ढाई हजार का अंतर ही बचा है।
जिले में वर्ष 2024 में चोरी, लूट, डकैती, हत्या, धोखाधड़ी आदि जैसे फिजिकल क्राइम के कुल 17 हजार 193 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि डिजिटल क्राइम के 14 हजार 832 केस दर्ज हुए हैं। डिजिटल क्राइम के कई मामलों में तो शिकायत दर्ज नहीं होती है। उन शिकायतों को मिला लिया जाए, तो डिजिटल क्राइम के आंकड़े और फिजिकल क्राइम के आंकड़ों में बहुत कम अंतर बच जाएगा है।
फिजिकल क्राइम के आंकड़ों को देखें तो वर्ष 2024 में रायपुर जिले में चोरी, नकबजनी, लूट और डकैती में लोगों को कुल 7 करोड़ 33 लाख 79 हजार 205 रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। इसी तरह वर्ष 2024 में भी 6 करोड़ से अधिक की क्षति हुई।
इसके मुकाबले जनवरी 2024 से 20 जून 2025 तक अर्थात महज डेढ़ साल में डिजिटल क्राइम से 47 करोड़ 57 लाख 48 हजार 695 रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। इतना नुकसान ऑनलाइन ठगी, डिजिटल अरेस्ट, ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग जैसे डिजिटल क्राइम से हुआ है।
रायपुर सहित प्रदेश भर में साल दर साल डिजिटल क्राइम के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। रायपुर में वर्ष 2024 में 14 हजार 832 केस दर्ज हुए हैं। इससे पहले 2023 में करीब 12 हजार मामले सामने आए थे। वर्ष 2022 में 4097 प्रकरण ही सामने आए थे। इस तरह हर साल डिजिटल क्राइम के मामले बढ़ रह रहे हैं।
रायपुर एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने कहा की साइबर क्राइम को लेकर जागरूक होने की जरूरत हैं। शेयर ट्रेडिंग, डिजिटल अरेस्ट जैसे मामले सही जानकारी के अभाव में हो रहे हैं। सोशल मीडिया में शेयर ट्रेडिंग के नाम पर कई भ्रामक जानकारियां रहती हैं। इसके झांसे में नहीं आना चाहिए। जागरूकता ही साइबर क्राइम से बचा सकती है। पुलिस सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जागरूक भी कर रही है।