DMF Scam: छत्तीसगढ़ में DMF घोटाला केस में जेल में बंद कारोबारी मनोज कुमार द्विवेदी की जमानत याचिका को EOW कोर्ट ने खारिज कर दी। इससे पहले कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गई थी।
DMF Scam: डीएमएफ घोटाले में जेल भेजे गए मनोज द्विवेदी के जमानत आवेदन को विशेष न्यायाधीश ने बुधवार को खारिज कर दिया। बचाव पक्ष ने अपने पक्षकार को निर्दोष बताते हुए जमानत दिए जाने पर जांच में सहयोग करने और ईओडब्ल्यू द्वारा झूठे प्रकरण में फंसाए जाने का आरोप लगाया।
अदालत में पेश आवेदन में स्वयं को निविदाकर्ता ठेकेदार बताते हुए पूरे मामले से किसी भी तरह का लेनादेना नहीं होने का तर्क दिया। जिला न्यायाधीश की अदालत से प्रकरण को सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय में स्थानातंरित किया गया। अभियोजन पक्ष ने मनोज द्विवेदी के डीएमएफ घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया।
न्यायाधीश को बताया कि रानू साहू के कोरबा में कलेक्टर के पद पर पदस्थ रहने के दौरान मनोज द्वारा कई निविदांए ली गई थी। साथ ही इस घोटाले में कमीशनखोरी कर रकम की बंदरबांट की गई। जमानत दिए जाने पर आरोपी के विदेश भागने, गवाहों-साक्ष्य और जांच को प्रभावित किए जाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जमानत आवेदन को खारिज कर दिया।
DMF Scam: इस मामले की EOW और ED दोनों जांच कर रही है। ED की जांच में पता चला कि, 2021-22 और 2022-23 में मनोज कुमार द्विवेदी ने निलंबित IAS रानू साहू और अन्य अधिकारियों से मिलीभगत की। अपने एनजीओ उदगम सेवा समिति के नाम पर कई डीएमएफ ठेके हासिल किए थे। अधिकारियों को टेंडर की राशि का 42% तक कमीशन दिया था।