Raipur News: मुंबई-दिल्ली समेत देश के अलग-अलग राज्यों से एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम मेडिकल फील्ड में नए ट्रीटमेंट के तरीके व टैक्नोलॉजी बता रही है ताकि बीमारी का तुरंत पता लगाकर सही समय में उसका इलाज किया जा सके।
Raipur News: गंभीर बीमारियों से राहत के लिए अब मुंबई और दिल्ली के एक्सपर्ट डॉक्टर जिले के मेडिकल ऑफिसर को ऑनलाइन ट्रेनिंग दे रहे हैं। दरअसल जिला प्रशासन ने जिले के ड़ॉक्टरों को गंभीर बीमारी से लड़ने और सशक्त बनाने के लिए मेडिगुरु प्रोजेक्ट को लॉन्च किया है। इस प्रोजेक्ट के जरिए यहां के डॉक्टरों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दे रहे हैं।
इसमें मुंबई-दिल्ली समेत देश के अलग-अलग राज्यों से एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम मेडिकल फील्ड में नए ट्रीटमेंट के तरीके व टैक्नोलॉजी बता रही है ताकि बीमारी का तुरंत पता लगाकर सही समय में उसका इलाज किया जा सके। गत गुरुवार को गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल के एक्सपर्ट डॉक्टर जुड़े, उन्होंने इलाज के नए-नए तरीके बताए। इसमें गंभीर बीमारियों का पता करने के लिए कौन सा टेस्ट किया जाए? इसकी जानकारी दी। हर गुरुवार को अलग-अलग सेशन के माध्यम से डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी जाती है, अब तक 8 सेशन हो चुके हैं।
जिला प्रशासन का मेडिगुरु प्रोजेक्ट
एक घंटे की ऑनलाइन क्लास लेते हैं एक्सपर्ट डॉक्टर
एक्सपर्ट डॉक्टर हर गुरुवार को दोपहर 3 से 4 बजे तक ऑनलाइन माध्यम से एक घंटे की क्लास लेते हैं। इसमें जिले की समस्त सरकारी संस्थाओं में कार्यरत मेडिकल ऑफिसर शामिल होते हैं। हर बार अलग-अलग सब्जेक्ट में सेशन लिया जाता है। इनमें एनीमिया, सिकल सेल, डॉग बाइट, डेंगू समेत अनेक गंभीर बीमारियों के आसान इलाज के बारे में बताते हैं।
हाल ही में हुए सेशन में प्रदेश में फैली गंभीर बीमारियों की चर्चा हुई। इसमें एक्सपर्ट डॉक्टरों ने डेंगू के लक्षण, इसके बचने के उपाए और सही इलाज कर मौत के आंकड़ों को कम करने के उपाय बताए। प्रदेश में डेंगू का डंक गहरा रहा है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार दो दशकों में डेंगू के मामले तेजी से बढ़े हैं। मौतें भी बढ़ी हैं। इसके साथ ही सर्पदंश के इलाज के लिए एंटीवेनम लगाने कहा, इसको कितनी मात्रा में लगाना है, जानकारी दी। यह एंटीबॉडी थेरेपी है जो कि शरीर में विष के प्रभाव को कम करती है।
यदि साइड इफैक्ट हो जाए तो, इसको आसानी से ठीक करने के तरीके बताए। इसके साथ ही सिकल सेल के बारे में बताया कि यह अनुवांशिक बीमारी है। गहन परीक्षण कर ग्रसित मरीज को वैवाहिक जीवन के लिए पहले से सजग करना है, जिससे यह बीमारी बच्चे में न फैले। एनीमिया को लेकर अलग-अलग टेस्ट बताए, जिससे पता चले कि यह कौन से प्रकार का रक्त विकार है और किस तरह से जांच कर शुरुआत में ही इस बीमारी की आसानी से पहचान की जा सके।
देश के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम यहां जिले के डॉक्टरों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए नई टेक्नोलॉजी के बार में जानकारी दे रही है। इसके लिए मेडिगुरु प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। हर गुरुवार को मेडिकल ऑफिसर को एक घंटे की ऑनलाइन क्लास में कारगर उपाय बताए जाते हैं।
डॉ. गौरव सिंह, कलेक्टर, रायपुर