रायपुर. प्रदेश के 184 नगरीय निकायों के बिजली बिल का ऑडिट होगा। इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने नागपुर की डीआर कंसल्टेंट को ऑडिट का काम सौंपा है। ये एजेंसी सभी निकायों के भवनों, स्ट्रीट लाइट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट आदि का सर्वे कर बिजली की खपत का आंकलन करेगी और अनावश्यक रूप से विद्युत खपत को कम करने के लिए सुझाव भी देगी।
नगरीय प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी नगरीय निकायों को पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि एनर्जी ऑडिट के लिए उक्त संस्था का चयन किया गया है। इसलिए संस्था को एनर्जी के ऑडिट के लिए सहयोग प्रदान करें। जानकारी के अनुसार सभी निकायों को मिलाकर बिजली बिल एक हजार करोड़ रुपए से अधिक बकाया है।
ऑडिट करने वाली एजेंसी निकायों के भवनों, स्ट्रीट लाइट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, बोरवेल की बिजली खपत का विश्लेषण करेगी। इसके बाद विद्युत उपयोग तथा अव्यय को कम करने के सुझाव देगी। इसके लिए सभी निकायों में लगाए गए मीटर का सर्वे कर जियोग्राफिकल डेटा तैयार किया जाएगा। शासन का मानना है कि एजेंसी के सुझावों को निकाय पर जब काम होगा ताे उन बिजली बिल के बकाए का भार कम होगा।
बता दें कि निकायों के बिजली बिल का बकाया लाखों-करोड़ों में हैं। बिजली विभाग निकायों को बकाया बिल भरने के लिए बिल भेजता है तो सरचार्ज और एरियर्स की राशि ही अधिक होती है। ऐसे में निकायों का सरचार्ज और एरियर्स की राशि नगरीय प्रशासन विभाग को भरना पड़ता है। इसलिए विभाग ने निकायों का एनर्जी ऑडिट कराने का निर्णय लिया है।
एनर्जी ऑडिट के बाद निकायों में सोलर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि निकायों को आने वाले भारी भरकम बिजली बिल के बोझ से राहत मिल सके। वैसे सरकार द्वारा आम नागरिकों को सोलर एनर्जी का उपयोग करने के लिए सोलर प्लांट लगाने पर सब्सिडी दी जा रही है। सोलर ऊर्जा का उपयोग करने पर लोगों को बिजली बिल से भारी राहत मिली है।
एनर्जी ऑडिट के लिए निकायों में नोडल और सहायक नोडल अधिकारी नियुक्ति किए जाएंगे। इसके लिए निकायों के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। नोडल अधिकारी निकायों के वरिष्ठ अभियंता को बनाया जाएगा, जो एनर्जी ऑडिट करने वाली एजेंसी को निकायों के वार्डों की बाउंड्री और स्थापित मीटरों की जानकारी देंगे।