रायपुर

दंतेवाड़ा के युवाओं की आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरणादायक यात्रा, IIM में उद्यमिता प्रशिक्षण से बदली जीवन की दिशा, जानें कैसे?

Raipur News: 13 जून 2025 को जब आईआईएम रायपुर में उद्यमिता सर्टिफिकेट प्रोग्राम बैच-2 का समापन हुआ, तो मंच पर केवल प्रमाण पत्र नहीं बांटे गए, बल्कि युवाओं के सपनों को पंख दिए गए।

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Jun 17, 2025
युवाओं की आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरणादायक यात्रा (फोटो सोर्स- DPR)

CG News: कभी चुनौतियों से जूझते रहे दंतेवाड़ा के युवाओं के जीवन में अब उम्मीद की एक नई किरण जगी है। यह बदलाव आया है एक अनोखी और अभूतपूर्व पहल के माध्यम से जिसके केंद्र में हैं भारतीय प्रबंधन संस्थान आईआईएम रायपुर, दंतेवाड़ा जिला प्रशासन और छत्तीसगढ़ सरकार।

13 जून 2025 को जब आईआईएम रायपुर में उद्यमिता सर्टिफिकेट प्रोग्राम बैच-2 का समापन हुआ, तो मंच पर केवल प्रमाण पत्र नहीं बांटे गए, बल्कि युवाओं के सपनों को पंख दिए गए। यह दो महीने का आवासीय कार्यक्रम, जिसमें दंतेवाड़ा के 50 चयनित युवाओं को उद्योग, व्यवसाय और नवाचार के विविध आयामों की गहराई से शिक्षा दी गई।

आईआईएम में उद्यमिता प्रशिक्षण से बदली जीवन की दिशा

दंतेवाड़ा के युवा, जो कभी सीमित अवसरों और अस्थिर परिस्थितियों के बीच जीते थे, अब अपने व्यवसायिक सपनों की स्पष्ट तस्वीर देख पा रहे हैं। आईआईएम में उद्यमिता प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके दंतेवाड़ा के राकेश यादव का कहना है कि इस प्रशिक्षण ने सिखाया कि हमारे जंगल का महुआ और इमली भी रोज़गार का आधार बन सकते हैं। अब मैं सिर्फ सपने नहीं देखता, उन्हें साकार करने की दिशा में बढ़ चुका हूं।

किरंदुल के अभिषेक गुप्ता, बीजापुर के तेजस्व कुमार और नीलम पांडे जैसे प्रतिभागियों ने बताया कि आईआईएम का प्रशिक्षण उनके जीवन के लिए एक टर्निंग प्वाइंट साबित हो रहा है। शिल्पा कुमारी जो बचेली से है ने कहा कि प्रशिक्षण से हमनें न केवल व्यवसाय शुरू करने की तकनीक सीखी बल्कि हमें यह भी ज्ञान मिला कि कैसे हम अपने क्षेत्र की प्राकृतिक संपदा का उपयोग करके आत्मनिर्भर बन सकते है। कभी संसाधनों की कमी से जूझने वाले ये युवा अब उद्यमिता के प्रशिक्षण से आत्मविश्वास से भर चुके हैं।

इस कार्यक्रम की सफलता में अहम भूमिका निभाई दंतेवाड़ा जिला प्रशासन ने। कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत की पहल और सतत् मार्गदर्शन से यह सपना साकार हुआ। प्रशासन ने न केवल युवाओं की पहचान की, बल्कि उन्हें आईआईएम रायपुर जैसे संस्थान में भेजकर यह दिखा दिया कि अगर सोच बदल दी जाए, तो हालात भी बदल सकते हैं।

Updated on:
17 Jun 2025 10:19 am
Published on:
17 Jun 2025 10:18 am
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