Iran–Israel War: ईरान-इजरायल युद्ध से छत्तीसगढ़ के ईरानी मूल के नागरिक चिंतित हैं। रायपुर समेत कई जिलों में बसे समुदाय ने शांति की अपील की है। बता दें कि ईरानी समुदाय ने कहा कि युद्ध से निर्दोष लोग मरते हैं, दुनिया को शांति की जरूरत है।
Iran–Israel War: ईरान को परमाणु शक्ति संपन्न बनने से रोकने के लिए इजरायल की तरफ से तेहरान के महत्वपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों को टारगेट किया गया। पिछले पांच दिनों से दोनों देशों के बीच जबरदस्त वार पलटवार किया जा रहा है। वहीं ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते युद्ध को लेकर छत्तीसगढ़ में बसे ईरानी मूल के नागरिकों में गहरी चिंता देखी जा रही है।
हर साल धार्मिक यात्राओं के लिए बड़ी संख्या में ईरान जाने वाले इस समुदाय के लोग अब केवल यही प्रार्थना कर रहे हैं कि युद्ध बंद हो और शांति बहाल हो। बता दें कि छत्तीसगढ़ में लगभग 5000 भारतीय-ईरानी मूल के लोग रहते हैं, जिनमें से करीब 1000 लोग रायपुर में बसे हैं। शेष लोग बिलासपुर, अंबिकापुर, कवर्धा और मुंगेली जैसे जिलों में रहते हैं। रायपुर के राजातालाब स्थित ईरानी इमामबाड़ा और सद्दू-मोवा क्षेत्र की ईरानी कॉलोनी में इनका प्रमुख निवास है। कॉलोनी में लगभग 100 परिवार रहते हैं।
बताते चलें कि यह समुदाय 500 से 700 साल पहले ईरान से भारत आया था और अब भी अपनी फारसी भाषा, संस्कृति और परंपरा को जीवित रखे हुए है। रायपुर में रहने वाले ईरानी अब भी फारसी में संवाद करते हैं और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को मानते हैं।
वे उन्हें "खामेनेई साहब" कहकर संबोधित करते हैं और उनके संदेशों को श्रद्धा से सुनते हैं। ईरानी समाज के अधिकांश लोग छोटे व्यापारों से जुड़े हुए हैं। रायपुर के गोलबाजार, जयस्तंभ चौक, एमजी रोड और पंडरी में चश्मे, घड़ियां, बेल्ट जैसे उत्पाद बेचते हैं। यही उनके परिवार की रोज़ी-रोटी का साधन है।