CG News: कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट किया कि जिन जिलों में कानून-व्यवस्था बिगड़ रही है, वहां के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर निर्णय लिए जाएंगे।
CG News: छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सख्त तेवर अपनाते हुए बड़ा संदेश दिया है। मंत्रालय में आयोजित एसपी कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध नियंत्रण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट किया कि जिन जिलों में कानून-व्यवस्था बिगड़ रही है, वहां के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर निर्णय लिए जाएंगे।
एसपी और अन्य बडे़ अधिकारी अपने दफ्तर से बाहर निकलकर पुलिसिंग करें। उन्होंने महासमुंद, धमतरी और राजनांदगांव में कानून व्यवस्था और पुलिसिंग पर नाराजगी जताई। साथ ही कहा कि अपराध नियंत्रण को लेकर लापरवाही बरतने के कारण ही बदमाशों के हौसले बुलंद है। शेष ञ्चपेज ११
इसे सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। हालांकि उन्होंने राज्य पुलिस की खासतौर पर नक्सल इलाकों में चलाए जा रहे ऑपरेशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि बस्तर क्षेत्र में अपराध नियंत्रण के साथ ही पुलिसिंग अच्छा काम कर रही है। बैठक में मुख्य सचिव, गृह विभाग के सचिव, डीजीपी, एडीजी, सभी रेंज के आईजी एसपी और पुलिस महकमे के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने अधिकारियों से कहा कि गौ-तस्करी, धर्मांतरण और बांग्लादेशी घुसपैठियों पर प्रभावी कार्रवाई करें। यूपी की तर्ज पर छत्तीसगढ़ की पुलिस को भी काम करने की जरूरत है। ताकि अपराधियों में भय और नागरिकों में भरोसे की भावना जागृत हों। उन्होने कहा कि लोगों का भरोसा जीतने के लिए जमीनी स्तर पर पुलिसिंग करें।
सी एम साय ने यह भी कहा कि कानून-व्यवस्था की मजबूती के लिए पुलिस और प्रशासन को एकजुट होकर नीतिगत और जमीनी कार्रवाई करनी होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि जनता को सुरक्षा और न्याय का भरोसा महसूस होना चाहिए।
कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण पुलिस की पहली प्राथमिकता है। राज्य के एसपी/आईजी की बैठक में कहा है बेहतरीन काम के अलावा कोई अपेक्षा नहीं है, काम करिए। जनता में भरोसा और अपराधियों में भय होना चाहिए। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाशत नहीं होगी।
संग्राहकों को अब तेंदूपत्ता का भुगतान 15 दिन में मिलेगा। साथ ही इसकी जानकारी भी एसएमएस के जरिए मिलेगी। सीएम ने डीएफओ की बैठक के दौरान कहा कि लघु वनोपजों को वनाचलों में आजीविका का महत्वपूर्ण साधन के रूप में विकसित करने के साथ ही स्टार्टअप को बढ़ावा दें।
हर्बल और संजीवनी के उत्पादों को प्रमोट करें। ग्रामीण-शहरी इलाकों में इन उत्पादों को अधिक से अधिक बिक्री का प्रयास करें ताकि इसका मार्केट विकसित हो।