
कांग्रेस-BJP में सियासी जोड़-तोड़ शुरू (photo source- Patrika)
CG Rajya Sabha seats: राज्यसभा में छत्तीसगढ़ के कोटे की 5 में से 2 सीट 9 अप्रैल 2026 को रिक्त हो जाएगी। इसमें फूलो देवी नेताम और केटीएस तुलसी की सीट शामिल हैं। इनमें से एक सीट कांग्रेस और एक सीट भाजपा के खाते में जाना तय है। इस लिहाज से इसे लेकर कांग्रेस-भाजपा में अभी से सरगर्मी शुरू हो गई है। कांग्रेस अपनी रिक्त होने वाली एक सीट पर किसी आदिवासी को मौका देने का मन बना रही है।
यही वजह है कि अभी से बस्तर और सरगुजा के आदिवासी नेता सक्रिय हो गए हैं। वहीं भाजपा की नीति व रीतियों की वजह से दावेदार खामोश है, लेकिन अंदरूनी खाने में हलचल शुरू हो गई है। चर्चा के मुताबिक भाजपा आदिवासी या फिर ओबीसी पर अपना दांव खेल सकती है। कांग्रेस में इस बार राज्यसभा की सीट सबसे महत्वपूर्ण रहेगी। क्योंकि पिछली बार कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के कोटे से अन्य राज्य के तीन नेताओं को राज्यसभा भेजा था। इससे पार्टी की जमकर किरकिरी हुई थी।
यही वजह है कि इस बार कांग्रेस प्रदेश के किसी नेता को ही राज्यसभा भेजेगी। चूंकि फूलो देवी नेताम आदिवासी समाज से आती है, इस वजह से माना जा रहा है कि कांग्रेस जातिगत समीकरण के आधार पर ही अपना प्रत्याशी उतारेगी। इसमें बस्तर व सरगुजा के एक-एक नेता का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। दोनों पूर्व विधायक भी रहे हैं। हालांकि अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान ही करेगा।
अप्रैल 2026 में राज्यसभा की सीट खाली हो रही है। यहां दावेदारों के लिए एक अच्छा मौका हो, लेकिन किसी कारण से दावेदार चूक जाते हैं, तो उन्हें जून 2028 तक का इंतजार करना होगा। 29 जून 2028 को राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन की सीट रिक्त होगी।
राज्यसभा के लिए छत्तीसगढ़ से 5 सीट का कोटा है। वर्तमान में 4 राज्यसभा सदस्य कांग्रेस के हैं और 1 भाजपा का है। इसमें फूलोदेवी नेताम, केटीएस तुलसी, राजीव शुक्ला, रंजीत रंजन और देवेंद्र प्रताप ङ्क्षसह शामिल हैं। इनमें चार राज्यसभा सदस्य पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बनाए गए थे। वहीं भाजपा के सत्ता में आने के बाद वर्ष 2024 में देवेंद्र प्रताप सिंह को राज्यसभा सदस्य बनाया गया।
CG Rajya Sabha seats: नियम के अनुसार रिक्त सीटों की संख्या में एक जोडक़र विधायकों की संख्या से विभाजन किया जाता है। आए नतीजों में फिर एक जोडक़र न्यूनतम वोटरों की संख्या तक की जाती है। इसे छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा सीट के हिसाब से समझे तो 2 राज्यसभा सीट में 1 जोड़ने पर 3 संख्या प्राप्त होती है। अब विधायकों की कुल संख्या यानी 90 में 3 से भाग देने पर भागफल 30 आएगा। इसमें फिर 1 जोडऩे पर 31 होगा यानी प्रत्याशी को जीत के लिए कम से कम 31 विधायकों का समर्थन चाहिए।
Published on:
27 Dec 2025 09:45 am
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