
SIR रिपोर्ट से बड़ा खुलासा! रायपुर जिले में हर तीसरा नाम सूची से बाहर, ग्रामीण सीट पर सबसे बड़ा असर(photo-AI)
SIR in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के बाद रायपुर जिले की मतदाता सूची में बड़ा बदलाव सामने आया है। जिले की सातों विधानसभा सीटों में कुल पांच लाख से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। इस प्रक्रिया का सबसे ज्यादा असर रायपुर ग्रामीण विधानसभा पर पड़ा है, जहां एक लाख 34 हजार 252 मतदाता सूची से बाहर हो गए।
प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मतदाता सूची से नाम हटाने की कार्रवाई अलग-अलग कारणों के आधार पर की गई है। इसमें 84 हजार 2 मतदाता मृत पाए गए, जबकि 3 लाख 87 हजार 330 मतदाता स्थायी रूप से दूसरे स्थानों पर शिफ्ट हो चुके थे। सर्वे के दौरान 23 हजार 180 मतदाता अपने पते पर नहीं मिले।
इसके अलावा 14 हजार 311 मतदाताओं के नामों की दोहरी प्रविष्टि पाई गई, जबकि 2 हजार 313 नाम अन्य तकनीकी कारणों से मतदाता सूची से हटाए गए। अधिकारियों के मुताबिक यह पूरी प्रक्रिया फील्ड सर्वे और दस्तावेजों के सत्यापन के बाद पूरी की गई है।
रायपुर ग्रामीण विधानसभा में एसआईआर से पहले 3,79,270 मतदाता पंजीकृत थे। संशोधन के बाद यह संख्या घटकर 2,45,018 रह गई है। चुनावी जानकारों के मुताबिक इतनी बड़ी कटौती जिले में पहली बार देखी गई है, जिसका चुनावी असर व्यापक हो सकता है।
शहर की विधानसभा सीटों में भी मतदाता सूची में बड़ा फेरबदल सामने आया है। रायपुर नगर पश्चिम विधानसभा से 1 लाख 3 हजार 312 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। रायपुर नगर दक्षिण से 89 हजार 240, जबकि रायपुर नगर उत्तर विधानसभा से 74 हजार 146 मतदाता सूची से बाहर हो गए हैं। इन तीनों शहरी सीटों को मिलाकर ढाई लाख से अधिक नाम हटाए गए हैं, जिसे शहरी वोट बैंक में बड़े बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी एसआईआर का असर साफ नजर आ रहा है। धरसीवां विधानसभा क्षेत्र में 37 हजार 632 मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। वहीं आरंग में 39 हजार 702 और अभनपुर में 20 हजार 793 मतदाता सूची से बाहर हुए हैं। हालांकि इन क्षेत्रों में कटौती शहरी सीटों की तुलना में कम रही, लेकिन चुनावी दृष्टि से इसे भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चुनाव कार्यालय ने साफ किया है कि फिलहाल जारी की गई मतदाता सूची अंतिम नहीं, बल्कि प्रारंभिक है। जिन पात्र मतदाताओं के नाम इस प्रक्रिया में कट गए हैं, उन्हें 23 दिसंबर 2025 से 22 जनवरी 2026 तक दावा-आपत्ति दर्ज कराने का अवसर दिया गया है। जो मतदाता स्थान बदलकर रह रहे हैं, वे फॉर्म-6 भरकर नए पते पर अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। वहीं, गलत तरीके से हटाए गए नामों को दोबारा शामिल कराने की प्रक्रिया भी इसी निर्धारित अवधि में पूरी की जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम कटने से आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों की रणनीति प्रभावित होना तय है। अब सभी की नजर दावा-आपत्ति की प्रक्रिया पर टिकी है, जिससे यह स्पष्ट होगा कि अंतिम सूची में कितना बदलाव होता है।
Published on:
24 Dec 2025 01:46 pm
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