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सड़क निर्माण में गड़बड़ी! जीरो टॉलरेंस नीति के तहत PWD में सख्त कदम, एक EE और दो SDO निलंबित…

CG Suspended News: राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए एक कार्यपालन अभियंता (EE) और दो उपसंभागीय अधिकारियों (SDO) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

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एक EE और दो SDO निलंबित(photo-patrika)

एक EE और दो SDO निलंबित(photo-patrika)

CG Suspended News: छत्तीसगढ़ के लोक निर्माण विभाग (PWD) में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए एक कार्यपालन अभियंता (EE) और दो उपसंभागीय अधिकारियों (SDO) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई शासन की भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) नीति को दर्शाती है।

CG Suspended News: बीजापुर सड़क निर्माण में अनियमितताओं का मामला

विवेचना के अनुसार बीजापुर जिले के नेलसनार–कोडोली–मिरतुल–गंगालुर मार्ग के निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप सामने आए थे। इस संबंध में गंगालूर थाना में अपराध पंजीबद्ध किया गया था। जांच के दौरान लोक निर्माण विभाग संभाग सुकमा के कार्यपालन अभियंता हरनारायण पात्र, उपसंभाग क्रमांक-1 बीजापुर के उपसंभागीय अधिकारी प्रमोद सिंह तंवर और सेतु उपसंभाग जगदलपुर के उपसंभागीय अधिकारी संतोष दास की संलिप्तता उजागर हुई।

उपमुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद निलंबन आदेश

उपमुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद मंत्रालय से तीनों अधिकारियों के निलंबन आदेश जारी किए गए। निलंबन अवधि के दौरान इन अधिकारियों का मुख्यालय प्रमुख अभियंता कार्यालय, नवा रायपुर निर्धारित किया गया है। इस अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।

भुगतान और गुणवत्ता में गड़बड़ी के आरोप

विभागीय सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों पर निर्माण कार्यों में गड़बड़ी, भुगतान में अनियमितता और गुणवत्ता मानकों की अनदेखी के आरोप हैं। इससे न केवल सरकारी धन की क्षति हुई, बल्कि परियोजना की गुणवत्ता और समयबद्धता भी प्रभावित हुई।

जांच जारी, दोष सिद्ध होने पर सख्त कार्रवाई

लोक निर्माण विभाग ने स्पष्ट किया है कि निलंबन के दौरान संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विस्तृत जांच जारी रहेगी। यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ-साथ कानूनी प्रावधानों के तहत भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।

भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई से विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही मजबूत होती है। बीजापुर सड़क परियोजना का मामला यह दर्शाता है कि शासन सार्वजनिक धन की सुरक्षा और परियोजनाओं की गुणवत्ता को लेकर गंभीर है। यह कार्रवाई अन्य अधिकारियों के लिए भी स्पष्ट चेतावनी है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।