Navratri 2024: इस बार नवरात्रि में शुद्धता को बनाए रखने के लिए केवल तेल से ही मनोकामना ज्योति जलाने का निर्णय लिया गया है।
Navratri 2024: राजधानी के प्रमुख देवी मंदिरों में केवल तेल से ही आस्था ज्योति जगमग होगी। घी से ज्योति जलाना पूरी तरह से बंद है। 1400 साल पुराने मां महामाया मंदिर में 10 हजार मनोकामना ज्योति जलाने की व्यवस्था की गई है, लेकिन केवल माता रानी की राज ज्योति ही शुद्ध घी से प्रज्वलित की जाएगी।
3 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.36 से 12.24 बजे माता रानी का आंगन आस्था दीपों से जगमग होंगे। देवी मंदिर सेवा समितियों के अनुसार बाजार में नकली घी आने की चर्चाएं कई सालों से चली आ रही हैं। (Navratri 2024) ऐसे में शुद्धता को बनाए रखने के लिए केवल तेल से ही मनोकामना ज्योति जलाने का निर्णय लिया है। राजधानी के सबसे प्राचीन मां महामाया मंदिर में बुधवार को रात 9 बजे तक ज्योति का पंजीयन होगा।
पुरानी बस्ती के राजराजेश्वरी महामाया माता मंदिर सार्वजनिक न्यास समिति के सचिव व्यास नारायण तिवारी एवं पं विजय कुमार झा ने बताया कि 10 हजार ज्योति जलाने की व्यवस्था है। अभी तक 9500 लोगों ने पंजीयन करा लिया है। 700 रुपए शुल्क रखा है।
पंडित विजय झा ने बताया कि नकली घी की वजह से शुद्धता नष्ट होती है। (Navratri 2024) इसे देखते हुए पूरी तरह से घी ज्योति का पंजीयन प्रतिबंधित है। इसी तरह बंजारी धाम रावांभाठा,य आकाशवाणी चौक कालीमाता सहित अन्य देवी मंदिरों में भी पंजीयन कराने वालों का तांता देर रात तक लग रहा है।
पुरानी बस्ती लिली चौक में जीवत पुरी गोस्वामी श्री दुर्गा मंदिर (मढ़ी) में बुधवार रात में ही माता की ज्योति जलेगी। समाजसेवी किशोर आहूजा ने बताया कि 10 अक्टूबर को माता के दर्शन शाम 4.30 बजे तक और शाम 7 से 9 बजे तक भक्ति संगीत के बाद भंडारा प्रसादी वितरण किया जाएगा। 11 अक्टूबर को सुबह अष्टमी पर हवन किया जाएगा। ये सभी कार्यक्रम महंत सदगुरु अनंत पुरी गोस्वामी के सानिध्य में संपन्न होगा।
Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो रही है। शहर शक्ति की भक्ति में डूबने को तैयार है। मां दुर्गा को अनेक रूपों में झांकियों और पूजा पंडालों में विराजने के लिए सजावट काम का दिन-रात चल रही हैं। दुर्गा उत्सव समितियां झांकियों के आसपास बिजली की झालरें सजा रही हैं।
कई जगह शहर की सड़कें स्वागत द्वार में तब्दील हो चुकी हैं। मुख्य पुरानी धमतरी रोड पर टिकरापारा से लेकर मोतीनगर के बीच बीच सड़क के दोनों तरफ बड़े-बड़े स्वागत द्वार बनाए जा चुके हैं।
महामाया मंदिर 10000
बंजारी मंदिर 8500
कालीमाता मंदिर 4000
दंतेश्वरी मंदिर 2000
शीतला मंदिर 1200
कंकाली मंदिर 1500