रायपुर

Negligence: इंटर्नशिप पूरी, डेढ़ माह बाद भी पोस्टिंग नहीं, 800 से ज्यादा छात्र कर रहे इंतजार

छत्तीसगढ़ प्रदेश के 6 सरकारी मेडिकल कॉलेजों से इंटर्नशिप पूरी करने वाले 800 से ज्यादा छात्रों ( more than 800 students ) की दो साल की बांड पोस्टिंग में देरी ( delay in posting of two-year bond ) हो रही है। दरअसल इन छात्रों की इंटर्नशिप 28 फरवरी को पूरी हो चुकी है। यानी डेढ़ माह बाद भी पोस्टिंग नहीं हुई है। छात्रों को पोस्टिंग का इंतजार (waiting for posting.) है।

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Apr 16, 2025
Negligence: इंटर्नशिप पूरी, डेढ़ माह बाद भी पोस्टिंग नहीं, 800 से ज्यादा छात्र कर रहे इंतजार

दो साल की सेवा के बाद ही स्थायी डिग्री मिलती

छात्र दो साल तक मेडिकल अफसर व जूनियर रेसीडेंट डॉक्टर के बतौर सेवाएं देते हैं। दो साल की सेवा के बाद ही उन्हें हैल्थ साइंस विवि से स्थायी डिग्री मिलती है। वहीं छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में स्थायी पंजीयन भी होता है। इंटर्नशिप पूरी करने वाले छात्रों को संबंधित मेडिकल कॉलेजों ने सर्टिफिकेट भी दे दिया है। एमबीबीएस के साढ़े 4 साल के कोर्स के बाद एक साल की इंटर्नशिप अनिवार्य है। इसके बाद दो साल की बांड सर्विस अनिवार्य है। पहले इसे ग्रामीण सेवा भी कहा जाता था, लेकिन पिछले साल ज्यादातर छात्रों को मेडिकल कॉलेज व इससे संबद्ध अस्पतालों में पोस्टिंग दी गई थी।

नीट पीजी में होंगे शामिल

इंटर्नशिप पूरी करने वाले ये छात्र जून में होने वाली नीट पीजी में शामिल हो सकेंगे। इसके लिए उन्हें स्वास्थ्य विभाग से एनओसी लेनी होगी। अगर छात्रों का चयन पीजी कोर्स में होता है तो वे एडमिशन लेकर पढ़ाई कर सकते हैं। जब पीजी का कोर्स पूरा हो जाएगा, तब वे दो साल का बांड पूरा करेंगे। हालांकि उन्हें पीजी पास करने के बाद भी दो साल की बांड सेवा में जाना होगा। इस तरह उन्हें पीजी के बाद चार साल सेवा देनी होगी। तभी उन्हें पीजी की स्थायी डिग्री मिलेगी और स्थायी पंजीयन भी होगा। इसके बाद वे न केवल छत्तीसगढ़ में, बल्कि देश के किसी भी हिस्से में प्रैक्टिस कर सकते हैं। हालांकि उन्हें संबंधित राज्य की मेडिकल काउंसिल में भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

नहीं जाने पर 20 से 25 लाख रुपए की पेनाल्टी

दो साल के बांड में नहीं जाने पर छात्र-छात्राओं को केटेगरी के अनुसार 20 से 25 लाख रुपए पेनाल्टी देनी होगी। एसटी, एससी व ओबीसी के छात्रों को 20 लाख व यूआर के छात्रों के लिए 25 लाख रुपए पेनाल्टी निर्धारित है। अब न केवल ग्रामीण सेवा बल्कि कई छात्रों की पोस्टिंग मेडिकल कॉलेजों में भी होने लगी है। इस पर सवाल भी उठ रहे हैं। दरअसल एमबीबीएस पास छात्रों की पोस्टिंग मेडिकल अफसर के बतौर होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी होती है। इसलिए ये छात्र मरीजों का जनरल चेकअप कर इलाज करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इसलिए उनकी सेवाएं शहरी के बजाय ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरी है।

पिछले साल लोकसभा की आचार संहिता बनी बाधा

पिछले साल लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण हरेली त्योहार के मौके पर जुलाई में पोस्टिंग की गई थी। जबकि तब छात्रों की इंटर्नशिप 31 मार्च को पूरी हुई थी। पिछले साल पोस्टिंग में काफी देरी हुई थी। छात्र तीन बार स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी से भी मिले थे, हालांकि इसके बाद भी जुलाई में पोस्टिंग की गई। ग्रामीण सेवा में जाने वाले एमबीबीएस छात्रों को सामान्य क्षेत्रों के लिए हर माह 57150 रुपए व अनुसूचित क्षेत्र के लिए 69850 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। नियमानुसार छुट्टी की भी पात्रता है।

पोस्टिंग स्वास्थ्य विभाग करता

इंटर्नशिप पूरी करने वाले छात्रों की पोस्टिंग स्वास्थ्य विभाग करता है। विभाग ही पोस्टिंग के पहले काउंसलिंग के लिए शेड्यूल निर्धारित करता है।
डॉ. यूएस पैकरा, डीएमई

Updated on:
16 Apr 2025 06:24 pm
Published on:
16 Apr 2025 06:23 pm
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