CG Cyber Fraud: रायपुर शहर में साइबर ठगों के डिजिटल अरेस्ट को झांसे में एक लॉ स्टूडेंट भी आ गई। उसे 6 दिन तक घर में ही कैद रहना पड़ा।
CG Cyber Fraud: नारद योगी. छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में साइबर ठगों के डिजिटल अरेस्ट को झांसे में एक लॉ स्टूडेंट भी आ गई। उसे 6 दिन तक घर में ही कैद रहना पड़ा। उनके पास जब पूरे पैसे खत्म हो गए, तब उन्हें छोड़ा गया। इसके बाद युवती ने अपने दोस्तों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद साइबर सेल पहुंची।
युवती घटना के बाद दोबारा अपने घर जाने में भी घबराने लगी। साइबर ठगों ने डराकर उनसे 2 लाख से ज्यादा रकम ले ली। रकम से ज्यादा पीडि़ता को उतने दिन तक पूछताछ के नाम पर मानसिक तनाव देना नुकसानदायक रहा।
Crime News: युवती नवा रायपुर में रहती है और लॉ की पढ़ाई कर रही हैं। पिछले सप्ताह उन्हें अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आया और मुंबई में उनके मोबाइल नंबर से अपराध दर्ज होने की जानकारी देकर पूछताछ शुरू कर दी। इसके बाद कहा गया कि वीडियो कॉल से बड़े अधिकारी ऑनलाइन पूछताछ करेंगे।
घबराई छात्रा ने वीडियोकॉल रिसीव किया, तो एक वर्दी वाले व्यक्ति ने खुद को पुलिस कमिश्नर बताते हुए पूछताछ शुरू दी। बीच-बीच में गिरफ्तारी का भय दिखाने लगे। इसके बाद उन्हें डिजिटल अरेस्ट होना बताया गया।
इस अवधि में उन्हें घर से बाहर निकलने, किसी से बात नहीं करने कहा गया। साथ ही वीडियो कॉल पर रहने के लिए कहा गया। थोड़ी-थोड़ी देर के लिए उन्हें राहत देते थे, लेकिन घर से बाहर निकलने में मनाही थी। छात्रा डरी-सहमी रही। वह घर से बाहर ही नहीं निकलीं। इस दौरान साइबर ठग उनसे 2 लाख से ज्यादा रकम वसूल चुके थे।
पूरी राशि ऑनलाइन देते गई। इसके बाद ठगों ने और पैसों की मांग की। छात्रा के पास पैसे खत्म हो चुके थे। उसने पैसे देने से मना कर दिया। इसके बाद साइबर ठगों ने उसे छोड़ दिया। घटना से छात्रा बुरी तरह घबरा गई थी। उसने अपने पड़ोसियों और दोस्तों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद साइबर सेल पहुंचे।
डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगने वाले साइबर ठग पूछताछ के नाम पर पर्सनल जानकारी लेते हैं। व्यक्ति और परिवार के बारे में। अगर उनको यह आभास हो जाता है कि आसपास कोई नहीं तो डिजिटल अरेस्ट करने की जानकारी देते हैं। इस दौरान और कई व्यक्तिगत जानकारी लेते हैं। इससे पीडि़त और फंसता जाता है।
क्राइम एएसपी संदीप मित्तल ने कहा की पुलिस, ट्राई, डीओटी, सीबीआई, क्राइम ब्रांच जैसी कोई भी संस्थाएं डिजिटल अरेस्ट नहीं करती हैं। अगर कोई वीडियो कॉल करके ऐसी जानकारी दे, तो वह साइबर ठग हो सकता है। अक्सर ये एकांत में रहने को कहते हैं। इससे पहले पूरे कमरे या उस स्थान को कैमरे में दिखाने के लिए कहते हैं।
इससे भी उसके ठग होने का अंदेशा हो जाता है। अगर कोई वीडियो कॉल करके अपराध दर्ज होने की जानकारी दें, तो पहले उसकी जानकारी ले लें। अनजान व्यक्ति को ऑनलाइन भुगतान न करें।