रायपुर

खुले और पैकेट दूध की शुद्धता पर सवाल, रायपुर में जांच पूरी तरह बंद, दूसरे जिलों में जुर्माना…

CG News: रायपुर में खुले और पैकेट में बिकने वाले दूध की जांच नहीं हो रही है। इस कारण लोगों के मिलावटी दूध उपयोग करने की आशंका है।

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Jul 19, 2025
खुले और पैकेट दूध की शुद्धता पर सवाल, रायपुर में जांच पूरी तरह बंद, दूसरे जिलों में जुर्माना...(photo-unsplash)

CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में खुले और पैकेट में बिकने वाले दूध की जांच नहीं हो रही है। इस कारण लोगों के मिलावटी दूध उपयोग करने की आशंका है। फूड एंड ड्रग विभाग के अधिकारियों ने लंबे समय से सैंपल भी नहीं लिए हैं, जबकि पहले महादेवघाट और अन्य स्थानों पर शहर की सीमा पर बाहर से आने वाले दूध की जांच की जा रही थी। यही नहीं 4 साल पहले पूरे प्रदेश में एक साथ सभी जिलों में 5 हजार से ज्यादा से सैंपल लेकर जांच की गई थी।

राजधानी में दूध समेत दैनिक उपयोग में खाने की आने वाली चीजों की जांच नहीं होने से मिलावटखोरों की चांदी है। दूध में पानी मिलाना आम बात है। इसलिए पानी और बिना पानी के दूध का रेट अलग-अलग है। खुले में बेचने वाले खुलेआम यह कहते हैं कि पानी वाला दूध का रेट इतना है और बिना पानी वाले का इतना। यही नहीं पॉश कॉलोनियों और सामान्य इलाकों में अलग-अलग कीमतों पर दूध बेचा जा रहा है।

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CG News: तय मात्रा से ज्यादा नमक व चीनी पर रोक लगाने वाला कोई नहीं

पैकेटबंद सामान न केवल ब्रांडेड कंपनियों के होते हैं, बल्कि अब तो कई लोकल कंपनियां आ गई हैं। इसे खाने से ही पता चलता है कि निर्धारित मात्रा से ज्यादा नमक व चीनी को मिलाया जाता है। इस पर रोक लगाने वाला कोई नहीं है। डॉक्टरों के अनुसार अधिक चीनी और नमक मिला खाद्य सामग्री सेहत के लिए बहुत ही नुकसानदायक है। नकली पनीर भी धड़ल्ले से बिक रहा है। विभाग ने सैंपल तो लिए हैं, लेकिन आरोपियों पर ठोस कार्रवाई नहीं की है।

केएफसी से 100 लीटर रियूज्ड ऑयल जब्त, मापदंड के विपरीत: फूड एंड ड्रग विभाग की टीम ने पिछले साल जुलाई में केएफसी से जब्त 100 लीटर रियूज्ड ऑयल की जांच मौके पर की थी। जांच में पाया कि आउटलेट में ऑयल का उपयोग बार-बार किया जा रहा था। इस कारण इसमें टोटल पोलर मटेरियल यानी टीपीएम 35 फीसदी से ज्यादा पाया गया। जबकि एफएसएसएआई का मापदंड 25 फीसदी है।

जब्त ऑयल के कुछ सैंपल जांच के लिए कालीबाड़ी लैब भेजे गए थे। वहीं सेलिंग काउंटर पर वेज और नॉन वेज की पहचान नहीं पाने पर नोटिस भी जारी किया गया। केएफसी के अलावा पिज्जा हट और मोमोस अड्डा जैसे बड़े आउटलेट की जांच की गई। विभाग को वहां एक्सपायरी आटा, गंदा मैदा व बार-बार यूज किया फूड ऑयल मिला।

दूसरे जिलों में जुर्माना, रायपुर में कार्रवाई जीरो

सीनियर प्रोफेसर मेडिसिन के डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा ने कहा की अधिक नमक या चीनी मिली चीजों को खाने से न केवल डायबिटीज का खतरा रहता है, बल्कि हाइपरटेंशन का रिस्क भी बढ़ जाता है। डिटर्जेंट, यूरिया, अमोनियम लवण, सोडियम क्लोराइड, नाइट्रेट, सल्फेट, हाइड्रोजन पेरोक्साइड, फॉर्मेल्डिहाइड, बोरिक एसिड वाले दूध से गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। जैसे मितली, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, हेपेटाइटिस, किडनी फेल इत्यादि। इसलिए विश्वासपात्र से दूध खरीदें।

सीनियर हिमेटोलॉजिस्ट के डॉ. विकास गोयल ने कहा की नकली या मिलावटी पनीर में मैदा, पाम ऑयल या डालडा (वनस्पति घी), सिंथेटिक दूध, सोडियम बाइकार्बोनेट (बेकिंग सोडा) मिला होता है। ये चीजें सेहत के लिए खतरनाक हैं। घटिया चीजें लंबे समय तक खाने से पेट संबंधी कैंसर हो सकता है। कुछ स्टडी में पाया गया है कि गाजर खाने से पेट, फेफड़े व प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम होता है। फलियां, बीन्स में फाइबर अधिक होता है। यह कोलोरेक्टल कैंसर से रक्षा करता है।

मिलावटखोरों को खुली छूट

फूड एंड ड्रग विभाग ने मई में बेमेतरा में 7 दुकानदारों के खिलाफ 17 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। बालोद, राजनांदगांव, दुर्ग एवं कवर्धा जिलों में खाद्य प्रतिष्ठानों, होटल-रेस्टोरेंट, पेय जल कंपनियों एवं निर्माण इकाइयों का निरीक्षण कर बड़ी संख्या में सैंपल लिए थे, लेकिन रायपुर में कोई सैंपल नहीं लिया गया।

ग्रामीण क्षेत्रों में बिकने वाले अज्जू, पोपो एक्वा, पोम्पी मैंगो, पेप्सी जैसे ब्रांड्स के पैक्ड ड्रिंकिंग वाटर के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। इसके अतिरिक्त होटल व भोजनालयों से आलू मसाला, बिरयानी राइस, कटहल आदि के नमूने लिए गए। अप्रैल 2025 से अब तक यहां 211 नमूने संकलित किए गए, जिनमें 06 अवमानक, 03 मिथ्याछाप एवं 03 असुरक्षित पाए गए।

Updated on:
19 Jul 2025 11:36 am
Published on:
19 Jul 2025 11:32 am
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