रायपुर

Raipur Nikay chunav Result: रायपुर में साहू समाज से सबसे अधिक पार्षद बने, कांग्रेस को जोन अध्यक्ष तक के भी लाले

Raipur Nikay Chunav Result: यह भी दिलचस्प है कि 23 वार्ड महिला आरक्षित थे। भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख दलों ने 26-26 महिला प्रत्याशियों पर भरोसा जताया। यह दांव भी कांग्रेस को संजीवनी नहीं दिला पाया...

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Feb 17, 2025

Raipur Nikay chunav Result: इस बार नगर निगम चुनाव में भाजपा को 70 वार्डों में से 60 वार्डों में छप्पर फाड़कर जीत मिली है। ऐसे में अब कांग्रेस के लिए जोन अध्यक्ष बनाने तक के लाले पड़े हैं। निगम के सभी 10 जोनों में से कहीं भी कांग्रेस का जोन अध्यक्ष नहीं होगा? यह भी दिलचस्प है कि 23 वार्ड महिला आरक्षित थे। भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख दलों ने 26-26 महिला प्रत्याशियों पर भरोसा जताया। यह दांव भी कांग्रेस को संजीवनी नहीं दिला पाया, क्योंकि भाजपा से 21 तो कांग्रेस से केवल 4 महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान फतह करा पाईं।

Raipur Nikay chunav Result: साहू समाज का दबदबा

नगर निगम के चुनावी समीकरण में सबसे अधिक दबदबा साहू समाज का रहा है। भाजपा से 17 तो कांग्रेस 13 साहू प्रत्याशी मैदान उतारे में थे। इनमें से भाजपा को 15 वार्डों में तो कांग्रेस को केवल 3 वार्डों में जीत हासिल हुई। यानी कि निगम के सदन में साहू समाज से कुल 18 पार्षद वार्डों का प्रतिनिधित्व करेंगे। कुल मिलाकर सामाजिक समीकरण में भी कांग्रेस को निराशा हाथ लगी। केवल संतोष इतना कि जो 7 पार्षद विजयी हुए हैं, उनमें तीन साहू हैं।

वार्ड-62 में 20 साल बाद खुला भाजपा का खाता

इस वार्ड से पिछले कई सालों से कांग्रेस पार्टी के सीमर अख्तर चुनाव जीतते रहे हैं। परंतु इस बार उनका टिकट काटकर ओबीसी से देवेंद्र यादव को दे दिया तो अख्तर पार्टी से बगावत को मजबूर हुए। नतीजा 20 साल बाद इस वार्ड में भाजपा की जीत का खाता खुला। इससे पहले एक बार सुभाष तिवारी चुनाव जीते थे।

मुस्लिम बाहुल्यता का समीकरण भी खास काम नहीं आया!

राजधानी में दर्जनभर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र हैं। निगम चुनाव में भाजपा ने एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दी। वहीं, कांग्रेस ने मुस्लिम समाज से पांच प्रत्याशी उतारे। इनमें से केवल परम्परागत दो वार्ड हवलदार अब्दुल हमीद वार्ड 35 से शेख मुसीर तो दूसरा मौलाना अब्दुल रफऊ वार्ड 45 से अर्जुमन ढेबर चुनाव जीतीं। जबकि सामान्य सीट से पूर्व महापौर एजाज ढेबर और कामरान अंसारी। वहीं, एक ओबीसी सीट से आसिफ मेमन पर दांव चला था। परंतु ये तीनों चुनाव हार गए। कुल मिलाकर राजातालाब, बैरनबाजार, संजयनगर, टिकरापारा जैसे मुस्लिम मोहल्ले के वोटर निर्णयाक साबित नहीं हो सके।

Updated on:
17 Feb 2025 05:04 pm
Published on:
17 Feb 2025 05:03 pm
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