रायपुर

स्मृति शेष: साध्वी शशिप्रभा ने जैन दादाबाड़ी में किया था 23 साल पहले चातुर्मास

Sadhvi Shashiprabha: सुशिष्या साध्वी शशिप्रभा ने राजधानी के दादाबाड़ी में 23 साल पहले चातुर्मास किया था। उनका बुधवार को सुबह 5.30 बजे कोलकाता में सडक़ दुर्घटना में देवलोक गमन हो गया...

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Jun 27, 2024

Sadhvi Shashiprabha: आचार्य मणिप्रभसूरीश्वर की आज्ञानुवर्तिनी एवं सज्जन महाराज की सुशिष्या साध्वी शशिप्रभा ने राजधानी के दादाबाड़ी में 23 साल पहले चातुर्मास किया था। उनका बुधवार को सुबह 5.30 बजे कोलकाता में सडक़ दुर्घटना में देवलोक गमन हो गया। गुरुवर्या का अंतिम संस्कार 27 जून सुबह 9 बजे खडग़पुर में किया होगा।

Sadhvi Shashiprabha: इस खबर से जैन समाज में शोक की लहर दौड़ गई। जैन संवेदना ट्रस्ट के अध्यक्ष महेंद्र कोचर एवं विजय चोपड़ा ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि साध्वी शशिप्रभा ने छत्तीसगढ़ में युवाओं को धर्म से जोडऩे में बड़ा योगदान दिया। सडक़ दुर्घटना का शिकार बंगाल के पांशकुड़ा कोलाघाट में हुई। सन् 2000 में साध्वी शशिप्रभा ने छत्तीसगढ़ में पद विहार करते हुए जैन धर्म की प्रभावना की। दादाबाड़ी में उनका चातुर्मास सार्थक हुआ था।

Sadhvi Shashiprabha: 67 साल पहले ली थी दीक्षा

साध्वी शशि प्रभा ने 67 साल पहले ब्यावर में ली थी दीक्षा श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारीवाल ने बताया कि साध्वी शशि प्रभ का जन्म फलौदी नगर में विक्रम संवत 2001 (80वर्ष) पूर्व भाद्रपद वदि अमावस्या को ताराचंद और बालादेवी गोलेच्छा के यहां हुआ। साध्वी का सांसारिक नाम किरण था।

Updated on:
27 Jun 2024 12:44 pm
Published on:
27 Jun 2024 12:40 pm
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