Mohan Bhagwat: शंकराचार्य ने तंज कसते हुए कहा, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आलोचना के नहीं, बल्कि दया के पात्र हैं। स्वयं सेवक बनते-बनते सर्व संचालक बन जाते हैं। आरएसएस के पास गुरु, ग्रंथ और गोविंद का बल नहीं है।
Mohan Bhagwat: पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर बड़ी बात कह दी। यहां पत्रकारवार्ता में शुक्रवार को शंकराचार्य महाराज ने कहा, जिन्हें बारह महीने बोलना है तो कुछ भी बोल देते हैं। हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों ढूंढना, वाले बयान पर शंकराचार्य ने तंज कसते हुए कहा, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आलोचना के नहीं, बल्कि दया के पात्र हैं। स्वयं सेवक बनते-बनते सर्व संचालक बन जाते हैं। आरएसएस के पास गुरु, ग्रंथ और गोविंद का बल नहीं है।
राजधानी के रावांभाठा आश्रम श्री सुदर्शन संस्थान में कई दिनों से शंकराचार्य निश्चलानंद महाराज राष्ट्रोत्कर्ष धर्मसभा कर रहे हैं। जहां सैकड़ों की संख्या में शंकराचार्य महाराज के भक्त पहुंचे हुए हैं। इसी दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए शंकराचार्य महाराज ने आरएसएस प्रमुख के बयान और नकली महामंडलेश्वर और शंकराचार्य के मुद्दे पर दो टूक कहा कि जब देश में नकली राष्ट्रपति, नकली प्रधानमंत्री नहीं बन सकते तो फिर नकली शंकराचार्य बनाकर क्यों महिमा मंडित किया जाता है। यह पीएम मोदी और सीएम योगी द्वारा मान्य शंकराचार्यों की अवहेलना है। क्योंकि, मान्य शंकराचार्य शास्त्र सम्मत और लोक कल्याण की बातें बताते हैं, राजनीतिज्ञों के हित नहीं साधते हैं। इसीलिए उनके अनुसार चलने वाले नकली शंकराचार्यों, महामंडलेश्वरों को प्रश्रय देते हैं।
बता दें कि हाल ही में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का मंदिर-मस्जिद विवाद पर बयान आया था कि हर मस्जिद में शिवलिंग ढूंढने की जरूरत नहीं है। हमें इतिहास को सही संदर्भ में समझना चाहिए और वर्तमान में शांति और सद्भाव बनाए रखना चाहिए। इसी सवाल पर शंकराचार्य महाराज का बयान आरएसएस प्रमुख पर ऐसे समय आया है, जब वे पांच दिनों तक छत्तीसगढ़ में रहेंगे।