अपहरण का मामला उस समय सिलतरा पुलिस चौकी में दर्ज किया गया। उस समय सिलतरा पुलिस चौकी में न पर्याप्त बल था और न ही पर्याप्त संसाधन थे। इसके चलते सिलतरा पुलिस चौकी को अपग्रेड करते हुए थाना बनाने की घोषणा की गई थी।
जिले का सबसे बड़ा औद्योगिक इलाका होने के कारण जहां रोज करोड़ों रुपए का कारोबार होता है, वहां 5 साल बाद भी थाना नहीं बन पाया है। एक उद्योगपति के अपहरण होने के बाद सिलतरा पुलिस चौकी को थाना बनाने की घोषणा की गई थी। इसकी प्रारंभिक प्रक्रिया भी पूरी हो गई थी, लेकिन 5 साल बाद भी सिलतरा पुलिस चौकी थाना नहीं बन पाया। आबादी और क्राइम की घटनाओं के हिसाब से यह किसी बड़े थाना क्षेत्र से कम नहीं है। सड़क हादसे, चोरी, गुंडागर्दी, नशाखोरी जैसी घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। कारोबारी भी कई बार थाने की मांग कर चुके हैं। वर्तमान में सिलयारी पुलिस चौकी धरसींवा थाना के अंतर्गत आती है, लेकिन क्राइम रेशियो धरसींवा और सिलयारी से ज्यादा है।
उद्योगपति प्रवीण सोमानी 8 जनवरी 2020 को सिलतरा स्थित अपनी फैक्टरी से घर जाने के लिए निकले। इसी दौरान बिहार और उत्तर प्रदेश के अपहर्ताओं ने रास्ते में उनका अपहरण कर लिया। पुलिस का मूवमेंट कम होने के कारण अपहर्ताओं ने इस घटना को अंजाम दिया। अपहरण का मामला उस समय सिलतरा पुलिस चौकी में दर्ज किया गया। उस समय सिलतरा पुलिस चौकी में न पर्याप्त बल था और न ही पर्याप्त संसाधन थे। इसके चलते सिलतरा पुलिस चौकी को अपग्रेड करते हुए थाना बनाने की घोषणा की गई थी।
शहर की अधिकांश बड़ी इंडस्ट्री इसी इलाके में हैं। यहां रोज करोड़ों रुपए का कारोबार होता है। कारोबारियों के अलावा दूसरे राज्य के व्यापारी भी आते-जाते हैं। ट्रकों से माल भी आते-जाते हैं। इससे चोरी और लूट की आशंका ज्यादा रहती है। स्थानीय घनी आबादी के अलावा बाहरी आबादी भी तेजी से बढ़ी है। इसके चलते लंबे समय से यहां थाने की जरूरत महसूस की जा रही है।
घनी आबादी वाले 11 गांव हैं, जो अब नगर जैसे हो गए हैं। आबादी भी बढ़ी है।