BSC Nursing Entrance Exam 2024: नर्सिंग कोर्स में प्रवेश व काउंसिलिंग देरी से शुरू होंगे। दो साल पहले की तुलना में 2023 में 37 नए निजी कॉलेज खुले हैं। इससे सीटों की संया भी 5200 से बढ़कर 7216 हो गई है।
Chhattisgarh VYAPAM Exam 2024: प्रदेश के सरकारी व निजी नर्सिंग कॉलेजों में बीएससी कोर्स में प्रवेश के लिए इस साल इंट्रेंस एग्जाम 14 जुलाई को होगा। इससे नर्सिंग कोर्स में देरी होने की पूरी संभावना है। पिछले साल जब इंट्रेंस एग्जाम मई में हुआ था, तब एडमिशन की प्रक्रिया इस साल 29 फरवरी तक चली थी।
यही नहीं जीरो परसेंटाइल से एडमिशन देने व प्रवेश की तारीख तीन बार बढ़ाने के बावजूद 800 से ज्यादा सीटें खाली रह गई हैं। लोकसभा चुनाव के कारण व्यापमं इंट्रेंस एग्जाम की तारीख बार-बार बढ़ा रहा है। इस कारण नर्सिंग कोर्स में प्रवेश व काउंसिलिंग देरी से शुरू होंगे। दो साल पहले की तुलना में 2023 में 37 नए निजी कॉलेज खुले हैं। इससे सीटों की संया भी 5200 से बढ़कर 7216 हो गई है।
एडमिशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद डीएमई कार्यालय एक-एक सीटों की जांच कर रहा है। इसमें यह देखा जा रहा है कि निजी कॉलेजों ने छात्र-छात्राओं को मेरिट से प्रवेश दिया है कि नहीं। प्रदेश में जिस तेजी से निजी नर्सिंग कॉलेज बढ़े हैं, उतने किसी अन्य कोर्स वाले कॉलेज नहीं खुले। रायपुर ही नहीं अंबिकापुर जैसे दूरस्थ इलाकों में भी नए कॉलेज खुले हैं। नर्सिंग कॉलेजों में पिछले कई साल से ये ट्रेंड देखने को मिल रहा है कि सरकारी कॉलेजों में सभी जिलों के छात्र एडमिशन लेते हैं।
जबकि निजी कॉलेजों में क्षेत्र विशेष के छात्र एडमिशन ले रहे हैं। पिछले पांच साल में बीएससी की 20 से 25 फीसदी सीटें खाली रह गईं थीं। पिछले साल बीएससी में प्रवेश की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर, फिर 30 नवंबर, फिर अचानक ढाई माह 29 फरवरी आखिरी तारीख तय की गई। इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने तारीख पढ़ाने की अनुमति दी थी। हालांकि ये निजी नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन की मांग पर की गई। जीरो परसेंटाइल से प्रवेश भी इसी कारण दिया गया।
जीरो परसेंटाइलका मतलब ये है कि व्यापमं से जिन्होंने भी प्री बीएससी नर्सिंग टेस्ट दिया है, उन्हें एडमिशन के लिए पात्र माना जाता है। अभी प्रवेश के लिए सामान्य वर्ग के लिए 50, एसटी, एससी व ओबीसी के लिए 40 परसेंटाइल व दिव्यांग के लिए 45 परसेंटाइल मार्क्स अनिवार्य है। जबकि आईएनसी के अनुसार सभी केटेगरी के छात्रों को परसेंटेज के हिसाब से एडमिशन देना था। परसेंटेज के हिसाब से दो साल पहले 228 छात्र पात्र मिले थे। पिछले साल पर्याप्त छात्र मिले। इसके बावजूद छात्रों की उदासीनता सीटें खाली रहने के लिए मुय रूप से जिमेदार है।